जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार के एक बयान ने देश के सुरक्षा कॉरिडोर में हलचल मचा दी है. विजय कुमार ने ये बयान कश्मीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के रोल को लेकर दिया है. उन्होंने कहा है कि सीआरपीएफ अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रही है.
सभी खुफिया जानकारियां जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जमा की जाती हैं और ऑपरेशन आर्मी के राष्ट्रीय राइफल्स द्वारा किए जाते हैं, सीआरपीएफ का सिर्फ नाम लिया जाता है, ये सब जानते हैं.” आईजी विजय कुमार का ये बयान कश्मीर में काम कर रही विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच विश्वास और समन्वय की कमी की ओर इशारा करता है.
बता दें कि सीआरपीएफ जम्मू-कश्मीर में आतंक विरोधी अभियान में अहम रोल निभाती है. इस केंद्र शासित प्रदेश में कानून और व्यवस्था लागू करने में सीआरपीएफ का अहम रोल है.
आईजी कश्मीर पुलिस के बयान पर आपत्ति जताते हुए सीआरपीएफ ने एक आंतरिक नोट जारी किया है और इस मामले में सरकार से उच्च स्तर के हस्तक्षेप की मांग की है.
बता दें कि आईजी कश्मीर पुलिस विजय कुमार ने सुरक्षा बलों की संयुक्त बैठक में ये बयान दिया था. हैरान करने वाली बात है कि इस बयान में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अलावा सीआरपीएफ के अधिकारी भी मौजूद थे.
सीआरपीएफ ने अपने आंतरिक नोट में कहा कि जब कश्मीर आईजी ने ये बयान दिया तो उस वक्त कोई असहज स्थिति पैदा न हो इसलिए सीआरपीएफ अफसरों ने कोई बयान नहीं दिया, लेकिन मीटिंग के बाद सीआरपीएफ अफसर उनसे व्यक्तिगत रूप से मिले और सीआरपीएफ के बारे में दिए गए इस अरुचिकर बयान के बारे में आपत्ति जताई.
सूत्रों ने कहा कि सीआरपीएफ के सीनियर अधिकारियों ने इस मुद्दे को उठाया है और इसे सही नहीं बताया है. सीआरपीएफ ने कहा कि बयान देने वाले अफसर ने यहां तक कहा कि वे सीआरपीएफ में भी काम कर चुके हैं, सीआरपीएफ को जानते हैं.
इस बीच जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को एक ट्वीट में सीआरपीएफ की तारीफ की. डीजीपी ने सीआरपीएफ की तारीफ करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और सीआई ग्रिड को बनाए रखने में सीआरपीएफ की भूमिका सराहनीय है.
बता दें कि सीआरपीएफ जम्मू-कश्मीर में एंटी टेरर ऑपरेशंस में लगातार शिरकत करती रहती है. हाल ही में हिजबुल आतंकी रियाज नायकू के खात्मे में सीआरपीएफ की अहम भूमिका थी. सीआरपीएफ भी इस ऑपरेशन का पार्ट थी.