जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (JKPC) के प्रमुख सज्जाद लोन को ईद की पूर्व संध्या पर आज शुक्रवार को श्रीनगर में घर की नजरबंदी से रिहा कर दिया गया. उनकी रिहाई जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद हटने के 1 साल पूरे होने से 5 दिन पहले हुई है.
रिहाई के तुरंत बाद सज्जाद लोन ने ट्वीट कर कहा, आखिरकार, सालभर पूरे होने से 5 दिन पहले मुझे आधिकारिक तौर पर सूचित किया गया कि मैं अब एक स्वतंत्र व्यक्ति हूं.
कितना बदल गया है. इसलिए मैं हूं. जेल मेरे लिए नया अनुभव नहीं था. शुरुआत में शारीरिक यातना के सामान्य खुराक कठोर थे. लेकिन यह मनोवैज्ञानिक रूप से सूखा था. उम्मीद करता हूं कि बहुत जल्द साझा करुंगा.
सज्जाद लोन जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा के उन 50 राजनेताओं की सूची में शामिल थे, जिन्हें पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने के समय 3 पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित हिरासत में लिया गया था.
लोन को हिरासत में लिए गए अन्य नेताओं के साथ MLA हॉस्टल में ले जाने से पहले कुछ समय के लिए श्रीनगर के SKICC में हिरासत में रखा गया था और बाद में उन्हें घर में ही नजरबंद रखा गया.
हालांकि केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति सामान्य होने पर चरणबद्ध तरीके से कई नेताओं को रिहा किया गया जिनमें 2 पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं, हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत कुछ लोग अभी भी घर में ही नजरबंद में हैं.
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (JKPC) के प्रमुख सज्जाद लोन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के करीबी माने जाते हैं और कई बीजेपी नेताओं के साथ उनकी दोस्ती है.