बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने मंगलवार को जमीन मालिकों को राहत देते हुए भू-संपत्ति से जुड़े दस्तावेज अपलोड करने की समय सीमा 180 कार्य दिवस के लिए बढ़ा दी। जमीन मालिक अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर अपना स्व-घोषणा प्रपत्र फरवरी 2025 तक अपलोड कर सकते हैं। पहले, यह समय सीमा अगस्त 2024 थी।
‘अब इसे फरवरी 2025 तक भरा जा सकेगा’
इस सिलसिले में यहां मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में एक निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (कैबिनेट सचिवालय) एस सिद्धार्थ ने कहा, ‘‘कैबिनेट ने राज्य में भू-संपत्ति के मालिकों से संबंधित स्व-घोषणा प्रपत्र भरने या अपलोड करने की तिथि 180 कार्य दिवस तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।” उन्होंने कहा, ‘‘अब इसे फरवरी 2025 तक भरा जा सकेगा। पहले, इसके लिए अंतिम तिथि अगस्त 2024 थी। इस संबंध में राज्य सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्ताव रखा था…जिसे मंगलवार को मंजूरी मिल गई।” मंत्रिमंडल ने राजस्व नक्शा और भूमि से जुड़े अन्य दस्तावेज के सत्यापन के लिए 90 कार्य दिवस का समय भी दिया है।
हालांकि, विभाग के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह स्व-घोषणा प्रपत्रों को दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही प्रभावी होगा। अधिकारी ने बताया कि बिहार सरकार राज्य में भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन करने के लिए एक विशेष भू-सर्वेक्षण कर रही है। इसे कराने के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य भूमि विवाद के मुकदमों में कमी लाना है। यह कवायद अगस्त 2025 तक पूरी की जानी है।