‘जब गर्दन पर चाकू रखा हो तो अमेरिका से कोई मोलभाव कैसे किया जा सकता है’

अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेडवार का असर न सिर्फ चीन बल्कि भारत समेत कुछ अन्‍य देशों पर भी पड़ रहा है। इसके चलते भारतीय रुपया डालर के मुकाबले काफी गिरा है। वहीं इसका सीधा असर चीन की मुद्रा युआन पर भी पड़ रहा है। फिलहाल इस ट्रेडवार का अंत होता दिखाई नहीं दे रहा है। यूं भी जब तक दोनों देश एक टेबल पर आकर आपसी किसी मुद्दे पर आपसकी सहमति नहीं बना पाते हैं तब तक इसका हल निकलेगा भी नहीं। चीन के डिप्‍टी नेगोशिएटर वांग शोवेन का कहना है कि किसी ऐसे देश के साथ कैसे बातचीत हो सकती है जो हमारी गर्दन पर चाकू रखे हुए हो। उन्‍होंने यह बात बीजिंग में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही है। इस दौरान उन्‍होंने चीन को अमेरिका से पीडि़त के तौर पर बताया है।

व्‍हाइट पेपर जारी 
चीन ने इस मौके पर एक 36000 चाइनीज कैरेक्‍टर में तैयार किया गया एक डॉक्‍यूमेंट भी जारी किया है, जिसको व्‍हाइट पेपर का नाम दिया गया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका की गलत नीतियों का खामियाजा पूरे विश्‍व को उठाना पड़ रहा है। इसका असर सभी देशों की अर्थव्‍यवस्‍था पर कम या ज्‍यादा पड़ रहा है। चीन का यह भी आरोप है कि अमे‍रिका अपने दम पर मीडिया के दम पर यह झूठ फैला रहा है कि वह चीन की वजह से आर्थिक मोर्चे पर मात खा रहा है। आपको बता दें कि इन दोनों देशों के बीच काफी समय से ट्रेडवार चल रहा है। हालांकि इसके अलावा कई मुद्दों पर यह दोनों देश आमने-सामने हैं। इस बीच आपको बता दें कि आखिर ये ट्रेडवार है क्‍या।

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