पश्चिम विधानसभा के अंतर्गत आने वाला नरसिंह वार्ड कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। विधानसभा चुनाव में यहां से लीड की उम्मीद रखने वाले कांग्रेस प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद महापौर के भाजपा में शामिल होने की चर्चा थी।
जबलपुर महापौर जगत बहादूर सिंह अन्नू ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। उनके भाजपा में जाने के बाद एमआईसी के सदस्यों ने भी इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनाव के महापौर के वार्ड और बूथ में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चा शुरू हो गई थी।
गौरतलब है कि पश्चिम विधानसभा के अंतर्गत आने वाला नरसिंह वार्ड कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। महापौर चुनाव के दौरान जगत बहादूर सिंह अन्नू को इस वार्ड से लंबी लीड मिली थी और पार्षद पद के लिए कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। पूर्व में भी एक अवसर को छोडकर इस वार्ड से कांग्रेसी पार्षद निर्वाचित होने आए हैं। पश्चिम विधानसभा सीट पर पिछले चार बार से भाजपा सांसद राकेश सिंह और कांग्रेस प्रत्याशी तरुण भनोट के बीच टक्कर थी। तरुण विगत दो बार से लगातार विधायक निर्वाचित हुए थे, लेकिन इस बार उन्हें 30 हजार मतों से हार का सामना करना पड़ा था।
नरसिंह वार्ड से लीड की उम्मीद रखने वाले कांग्रेस प्रत्याशी को 3022 वोट का गच्चा खाना पड़ा था। जिसके बाद महापौर के वार्ड तथा बूथ से कांग्रेस पार्टी का हारना चर्चा का विषय बना हुआ था। चुनाव के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और स्थानीय नेताओं से उनका अंतर्विरोध प्रारंभ हो गया था। महापौर ने नगर आगमन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी और मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात की थी। महापौर अन्नू को राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा का समर्थक माना जाता है। सूत्रों के अनुसार उन्हें भाजपा में शामिल करवाने में अहम भूमिका भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, कैबिनेट मंत्री और स्थानीय विधायक राकेश की रही। बुधवार को माहापौर अन्नू ने भाजपा में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
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