आज यानी 19 अक्टूबर को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस तिथि पर छोटी दीवाली का पर्व मनाया जाता है। छोटी दीवाली को काली चौदस के नाम से जाना जाता है। इस दिन काली माता और कालभैरव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। छोटी दीवाली के दिन कई शुभ-अशुभ योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग के बारे में।
तिथि: कृष्ण त्रयोदशी
मास पूर्णिमांत: कार्तिक
दिन: रविवार
संवत्: 2082
तिथि: कृष्ण त्रयोदशी प्रातः 01 बजकर 51 मिनट तक, फिर चतुर्दशी
योग: 20 अक्टूबर को इन्द्र प्रातः 02 बजकर 05 मिनट तक
करण: वानिज दोपहर 01 बजकर 51 मिनट तक
करण: 20 अक्टूबर को विष्टि प्रातः 02 बजकर 45 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 24 मिनट पर
सूर्यास्त: सायं 05 बजकर 47 मिनट पर
चंद्रमा का उदय: 20 अक्टूबर को प्रातः 05 बजकर 13 मिनट पर
चन्द्रास्त: सायं: 04 बजकर 33 मिनट पर
सूर्य राशि: कन्या
चंद्र राशि: कर्क
पक्ष: कृष्ण
आज के शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11 बजकर 43 मिनट से प्रातः 12 बजकर 29 मिनट तक
अमृत काल: प्रातः 09 बजकर 59 मिनट से प्रातः 11 बजकर 44 मिनट तक
आज के अशुभ समय
राहुकाल: सायं 04 बजकर 22 मिनट से सायं 05:47 मिनट तक
गुलिकाल: दोपहर 02 बजकर 57 मिनट से सायं 04 बजकर 22 मिनट तक
यमगण्ड: दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 31 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में रहेंगे…
उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र- प्रातः 05 बजकर 49 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: विनम्रता, मेहनती स्वभाव, बुद्धिमत्ता, मददगार, उदार, ईमानदारी, बुद्धिमान, अध्ययनशील और परिश्रमी
नक्षत्र स्वामी: सूर्य देव
राशि स्वामी: सूर्य देव, बुध देव
देवता: आर्यमन (मित्रता के देवता)
गुण: राजस
प्रतीक: बिस्तर
काली चौदस का धार्मिक महत्व
काली चौदस कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चौदस (चतुर्दशी) तिथि को आती है, जो दीपावली से एक दिन पहले होती है। इसे विशेष रूप से बुराई और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन कई लोग काली माता और कालभैरव की पूजा करते हैं, जिससे घर में शांति, सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
व्यापारी इस दिन अपने घर और दुकान में पूजा कर नए व्यापारिक साल की अच्छी शुरुआत करते हैं। शाम के समय पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से ध्यान रहे कि घर में सफाई और व्यवस्था बनी रहे, क्योंकि यह तिथि नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होती है।
चतुर्दशी अवधि-
चतुर्दशी तिथि आरंभ – 19 अक्टूबर 2025 को दोपहर 01 बजकर 51 मिनट तक
चतुर्दशी तिथि समाप्त – 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट तक