हैदराबाद के इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेकनोलॉजी के जानकारों ने भारतीय लोगो के दिमाग पर एक बहुत ही आकर्षित खोज की है. जहा इस खोज में पता चला है कि भारतीय लोगों का दिमाग छोटा और वॉल्यूम के मामले में वेस्टर्न या ईस्टर्न देशो के लोगों से छोटा दिगमग होता है. वही दिमाग के आकार को लेकर किया गया शोध न्यूरोलॉजी इंडिया में प्रकाशित किया गया है.
विशेषज्ञों का मानना हैं कि दिमाग से जुड़ी गंभीर बीमारियों को ध्यान में रखकर यह शोध जारी किया गया था. जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि इस खोज के बाद ब्रेन से जुड़ी परेशानियों को समझने में काफी सहायता मिल सकती है.
जानकारी के मुताबिक यह पता चला है कि सेंटर फॉर विजुअल इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी के इस प्रोजक्ट पर जयंती सिवास्वामी ने भी काम कर रहे है. उनका कहना है कि दिमाग से जुड़ी बीमारियों को मॉनिटर करने के लिए अमॉन्ट्रियल न्यूरॉलजिकल इंस्टीट्यूट (एमएनआई) टेम्पलेट को आधार माना गया है.जहा यह टेम्पलेट कोकेशियान दिमाग को ध्यान में रखकर विकसित की जाती है. जिसमे भारतीय लोगों के दिमाग की बनावट को समझने के लिए इसे आदर्श पैटर्न मान सकते है.
वही जयंती सिवास्वामी ने आगे यह भी कहा है कि, ‘भारतीयों के दिमाग का आकार एमएनआई के डिजाइन से छोटा है. कई बार स्कैन करने के बाद इस बात का पता किया गया है. एमएनआई पैटर्न के आधार पर भारतीय ब्रेन की जांच करना मिसडाइग्नॉज होगा. जयंती के मुताबिक, चीनी और कोरियाई ब्रेन के टेम्पलेट्स भी बन चुके हैं, लेकिन भारत की विविध आबादी के लिए इनमें से किसी भी टेम्पलेट को फिट नहीं माना जा सकता. हैदराबाद आईआईआईटी ने इस तरह का पहला नमूना तैयार किया गया है.
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