सूर्यषष्ठी का महापर्व व्रतियों की आस्था जुड़ा है। इसके कारण महिलाएं और पुरुष दोनों इसे पूरे विधान से करते हैं, लेकिन बलिया जिले में इससे इतर किन्नर समुदाय भी डाला छठ का पर्व पूरे विधि विधान के साथ करता है और सूर्यदेव से समाज में अमन-चैन, सुख-शांति एवं अपने यजमानों की समृद्धि की कामना करते हैं।

ऐसा नहीं कि इस परंपरा का आगाज अभी हुआ हो। पिछले 16 वर्षों से किन्नर बिरादरी के लोग पूरी तन्मयता और आस्था के साथ सूर्य षष्ठी का महापर्व डाला छठ का व्रत करते आ रहे हैं।
किन्नर समाज की अध्यक्ष एवं पांडेय बाबा के नाम से मशहूर यारपुर बेदुआ निवासी माधुरी किन्नर कहती हैं कि पिछले 16 वर्षों से वह अपनी बिरादरी के लोगों के साथ डाला छठ का पर्व करती आ रही हैं। शुरुआती दौर में उन्हें सामाजिक तौर पर कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य होता चला गया।
इस वर्ष वह छठ पर्व में भगवान सूर्य से कोरोना से मुक्ति दिलाने की आराधना करेंगी। अतीत के पन्नों को पलटते हुए माधुरी किन्नर बताती हैं की इस वर्ष तकरीबन आधा दर्जन किन्नर बिरादरी के लोग डाला छठ का पर्व धूमधाम से मना रहे हैं। इसमें मुख्य रूप से माधुरी पांडेय, संजू, संटू सिंह, अन्नू चौबे, छोटी, नीलम, वीरेंद्र एवं उत्तम शामिल हैं।
किन्नरों में छठ के व्रत को लेकर कितनी आस्था और निष्ठा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते दीपावली के दिन किन्नर बिरादरी के लोगों ने माधुरी पांडेय के नेतृत्व में छठ व्रत करने वाली मोहल्ले की महिलाओं में साड़ी, फल, पूजा और मिठाई का वितरण किया।
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