पहले कानपुर शूटआउट. फिर गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर और अब एक के बाद एक खुलासे. जो हैरान और परेशान करने वाले हैं.

अब इस मामले में ये बात पुख्ता हो गई है कि चौबेपुर थाने से ही विकास को पुलिस कार्रवाई की सूचना मिली थी.
दरअसल, विकास दुबे और चौबेपुर थाने के सिपाही राजीव चौधरी के बीच बातचीत का एक ऑडियो सामने आया है. इस ऑडियो टेप के सामने आने से साफ हो गया है कि थाने से ही मुखबिरी हुई थी.
कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को पहले ही पता चल गया था कि उसके खिलाफ मुकदमा लिखा जा रहा है. मुकदमा लिखे जाने से बौखलाए विकास दुबे ने पुलिस को धमकी दी थी.
विकास ने कहा था कि ऐसा कांड करूंगा कि सब याद रखेंगे. चाहे पूरा जीवन फरारी काटनी पड़े. पुलिस ने अगर विकास दुबे के फोन को गंभीरता से लिया होता तो ये वारदात टाली जा सकती थी. इससे न तो 8 पुलिसकर्मी शहीद होते और न ही कोई घायल होता.
विकास दुबे को तो पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है, लेकिन उसके भाई दीप प्रकाश का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. दीप प्रकाश पर 20 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है.
दीप प्रकाश पर कृष्णा नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज है. 2-3 जुलाई की रात को बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या के बाद से ही दीप प्रकाश फरार है. उसकी तलाश में यूपी पुलिस की टीम छापेमारी कर रही है.
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