ममता बनर्जी के अयोग्य गृहमंत्री के टिप्पणी के बाद गृहमंत्री शाह ने कूचबिहार में हिंसा के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दोषी ठहराया।उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने लोगों को केंद्रीय बलों के घेराव के लिए उकसाया था। इस वजह से ही लोगों ने शीतलकुची में सुरक्षा बलों पर हमला किया, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि वे मौत में भी तुष्टिकरण की राजनीति करती हैं।
गृह मंत्री ने कहा, जिस प्रकार से इस घटना का राजनीतिकरण किया जा रहा है ये बहुत दुखद है। मैंने ममता दीदी के बयान देखे हैं, उसी बूथ पर सुबह आनंद बर्मन की गुंडों द्वारा हत्या कर दी गई ताकि वहां पर मतदान न हो और सीआईएसएफ के हथियार लूटने की कोशिश की।
शाह ने आगे कहा कि ममता दीदी सिर्फ चार लोगों को श्रद्धांजलि देती हैं, उनको आनंद बर्मन की मौत की नहीं पड़ी है। मृत्य में भी तुष्टिकरण और वोट की राजनीति करना, ममता दीदी ने बंगाल की राजनीति को कितना नीचे गिराया है, ये इसका एक उदाहरण है।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि पिछले तीन चरणों में कमोबेश राज्य में शांतिपूर्ण मतदान हुआ। लेकिन चौथे चरण में सुरक्षा बलों की फायरिंग में लोगों का मारा जाना, दुखद है। उन्होंने सभी दलों से राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील की।
गौरतलब है कि बानेश्वर की एक रैली में बीते 7 अप्रैल को ममता बनर्जी ने गृह मंत्री शाह की शह पर सुरक्षा बलों पर लोगों को परेशान करने और मारने का आरोप लगाया था। उन्होंने लोगों को सुरक्षा बलों का घेराव करने की सलाह दी थी। उन्होंने लोगों से कहा था कि एक दल सुरक्षा बलों को घेर कर उन्हें बातचीत में उलझाए रखे और दूसरा ग्रुप जल्दी से मतदान केंद्रों पर पहुंचकर वोड डाल दे।
तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की कूचबिहार हिंसा पर गृहमंत्री से इस्तीफे की मांग पर गृहमंत्री शाह ने कहा कि बंगाल की जनता यदि मुझसे कहे तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। शाह ने ममता पर फिर कटाक्ष किया कि 2 मई को उन्हें सत्ता छोड़ना होगा।
शाह ने कहा, दीदी मेरा इस्तीफा चाहती हैं। यदि बंगाल की जनता मांग करेगी तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। मैं इसे सिर झुकाकर स्वीकार कर लूंगा। लेकिन ममता को 2 मई को सत्ता छोड़ना पड़ेगा। तृणमूल सुप्रीमो पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि वह अवैध अप्रवासियों को खुश करने के लिए ही नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही हैं।
शाह ने दावा किया कि यह अवैध नागरिक ही सरकार के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाते हैं और फिर दंगा करते हैं। उन्होंने पूछा कि यदि मतुआ को नागरिकता मिलेगी तो दीदी को क्या समस्या है? दीदी को समस्या इस बात की है कि उनसे घुसपैठिए नाराज हो जाएंगे।