गया: बिहार के गया जिले के डोभी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कुशापी गांव में दर्दनाक हादसा हुआ है, जहां एक दिव्यांग युवक को चोर समझकर लोगों ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। मंगलवार की देर रात को मानसिक रूप से दिव्यांग दीपक लेंबोगढ़ा गांव से भटकते हुए कुशापी गांव पहुंच गया। इसके बाद कुछ लोगों ने उसे देखा तो चोर-चोर चिल्लाने लगा और देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई। इसके बाद लोगों ने दीपक की धुनाई कर दी। लाठी-डंडे से लोग उसे पीटते रहे। बुरी तरह से पिटाई किए जाने से उसकी जान चली गई।
वहीं घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस दीपक को मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के अनुसार, दिव्यांग युवक की हत्या की गई है। मामले को लेकर कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। वारदात में शामिल लोगों की शिनख्त की जा रही है। डोभी थानाध्यक्ष का कहना है कि मामले में की जांच की जा रही है।
उधर, परिजनों का कहना है कि दीपक के मां-बाप उसके बचपन में ही मर गए थे। जब वह थोड़ा बड़ा हुआ तो पता चला कि वह मानसिक रूप से दिव्यांग है। इसके बाद दीपक की बुआ उसको अपने घर लेकर आ गई और उसका भरण-पोषण करने लगीं। परिजनों का कहना है कि दीपक आए दिन कहीं न कहीं गांव से घूमने निकल जाता था और फिर वह वापस भी वापस आ जाता था। किन्तु मंगलवार को वह घर से बाहर निकला और लौटा नहीं। वह भटक कर बगल के पिशापी गांव पहुंच गया। वहां लोगों ने उसे चोर समझकर इतना मारा कि उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने पुलिस से कातिलों की गिरफ्तारी की मांग की है।