आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज और वनडे क्रिकेट में वर्ल्ड चैंपियन टीम बाहर हो गई है. अब सबकी नजरें टीम इंडिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच रविवार को होने जा रहे महामुकाबले पर हैं. श्रीलंका के खिलाफ टीम इंडिया को मिली हार ने कप्तान विराट कोहली को सजग कर दिया है और वह जीत सुनिश्चित करने के लिए रणनीति में कोई कमी नहीं रखना चाहते. वह टीम के साथ-साथ खुद पर भी मेहनत कर रहे हैं. गौरतलब है कि श्रीलंका के खिलाफ उनका बल्ला नहीं चला था और उनको स्विंग गेंदों पर परेशानी हुई थी. इसके लिए विराट कोहली ने अपने बल्ले को ‘धार’ देने के लिए नया तरीका आजमाया है….

विराट कोहली दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ करो या मरो वाले मैच के लिए टीम को हर मोर्चे पर तैयार करना चाह रहे हैं. उन्होंने टीम के साथ शनिवार को जमकर अभ्यास किया और टीम संयोजन में बदलाव के भी संकेत दिए. हालांकि जब वह नेट पर बल्लेबाजी के लिए उतरे, तो सबकी नजरें उन पर टिक गईं, क्योंकि वह वनडे के परंपरागत तरीके की जगह टेस्ट मैच के लिहाज तैयारी करते दिखे. जी हां, विराट कोहली ने बल्लेबाजी अभ्यास का जो तरीका अपनाया वह बिल्कुल हटकर था…
परंपरा से अलग अपनाई ‘खास’ गेंद…
वास्तव में विराट कोहली ऑफ स्टंप से बाहर जा रही गेंदों पर थोड़ी परेशानी हो रही थी. ऐसे में उन्होंने इसका तोड़ निकालते हुए अभ्यास में लाल गेंद का उपयोग किया, जबकि वनडे क्रिकेट सफेद गेंद से खेला जाता है और बल्लेबाज आमतौर पर सफेद गेंद से ही अभ्यास करते हैं, लेकिन विराट हमेशा हटकर अपनी बल्लेबाजी की तैयरी करते हैं, इसीलिए उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाले महत्वपूर्ण मैच से पहले लाल ड्यूक गेंद से अभ्यास किया.
इसलिए किया ऐसा
वास्तव में सफेद गेंद आमतौर पर कम स्विंग होती है. चूंकि इंग्लैंड में गेंद अधिक स्विंग होती है, ऐसे में स्विंग गेंदबाजी के सामने अभ्यास करने के लिए लाल गेंद ज्यादा उपयुक्त होती है. इसीलिए कोहली ने लाल गेंद से अभ्यास करना उचित समझा. कोहली बीच वाले नेट पर गए जहां पर फील्डिंग कोच आर श्रीधर, थ्रोडाउन विशेषज्ञ राघवेंद्र और बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने उन्हें थ्रोडाउन पर अभ्यास कराया. बांगड़ इस बीच टेस्ट मैचों में उपयोग की जाने वाली लाल ड्यूक गेंद से थ्रोडाउन करा रहे थे.
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