चुनाव के दौरान खर्चों को लेकर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अहम दावा किया है। आयोग ने कहा कि उसने चुनावों के दौरान धल बन को रोकने के लिए समय-समय पर विभिन्न उपाय किए हैं। आयोग ने कहा कि एक ये भी कारण है कि हमारी सतर्कता और प्रयासों में वृद्धि के चलते धन को जब्त किया जाता है।
याचिका में अत्याधिक चुनावी खर्चे को रोकने की मांग
बता दें कि प्रभाकर देशपांडे नाम के शख्स ने एक याचिका दायर की है। याचिका में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा अत्यधिक चुनावी खर्च को रोकने और दोषी उम्मीदवारों और पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक व्यापक योजना के साथ आने का निर्देश देने की मांग की गई है। वहीं, चुनाव आयोग ने अपने हलफनामे में कहा कि ऐसा तंत्र पहले से ही मौजूद है। ये तंत्र अवैध चुनावी खर्च को रोकने में कामयाब भी रहा है।
धन बल को रोकने के लिए उठाए कदम
चुनाव आयोग के निदेशक (कानून) वीके पांडे ने हलफनामे में कहा, “चुनावों में धन बल को रोकने के लिए आयोग समय-समय पर विभिन्न उपायों को अपनाता रहता है। भविष्य में भी ऐसे कदम उठाए जाएंगे।” चुनाव निकाय ने इस बात पर जोर दिया कि वह चुनावों में धन बल के बढ़ते उपयोग को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है। आयोग ने बताया कि 2010 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से चुनाव व्यय निगरानी तंत्र को प्रभावी ढंग और सफलतापूर्वक लागू किया है।