कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कोई भी निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासनिक स्तर पर फैसला करने के लिए मामले को चीफ जस्टिस एसए बोबडे के पास भेजा है. कोर्ट ने कहा कि वो इस तरह सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग के न्यायिक आदेश जारी नहीं कर सकता है.
तीन जजों की पीठ की अगुवाई कर रहे जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि इस संबंध में प्रशासनिक पक्ष को आदेश जारी कर लाइव स्ट्रीमिंग करने के आदेश जारी नहीं किए जा सकते.
पीठ ने कहा कि ये मामला चीफ जस्टिस के पास भेजा जाए ताकि वो प्रशासनिक तौर पर कोई फैसला ले सकें. बेंच ने कहा कि क्या कोर्ट संसद को कोई आदेश दे सकता है?
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि क्या कोर्ट को कोई आदेश न्यायिक तरीके से दिया जा सकता है? वहीं अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में सेकेट्री जनरल को आदेश दे सकता है कि वो गाइडलाइन तैयार करें. अदालत संसद को आदेश नहीं दे सकती, लेकिन खुद ये कदम उठा सकती है.
दरअसल वरिष्ठ वकील इंदिरा जय सिंह ने याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय महत्व और संवैधानिक मामलों की सुनवाई की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने की मांग की है. इंदिरा जयसिंह ने कहा कि 26 सितंबर 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की जानी चाहिए.