चीन से निपटने के लिए भारत को वैश्विक दृष्टिकोण अपनाना ही होगा: राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी इन दिनों एक वीडियो सीरीज ‘सत्य का सफर: राहुल गांधी के साथ’ के जरिए देश की चुनौतियों को बता रहे हैं. इस सीरीज की तीसरी कड़ी आज जारी की गई, जिसमें राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा.

चीन से निपटने के बारे में बताते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर आप उनसे निपटने के लिए मजबूत स्थिति में हैं, तभी आप काम कर पाएंगे. उनसे वो हासिल कर पाएंगे, जो आपको चाहिए और यह सचमुच में किया जा सकता है, लेकिन अगर उन्होंने (चीन) ने कमजोरी पकड़ ली, तो फिर ये गड़बड़ है.

राहुल गांधी ने कहा कि आप बिना किसी दृष्टिकोण के चीन से निपट नहीं सकते हैं. मैं केवल राष्ट्रीय दृष्टिकोण की बात नहीं कर राह हूं, मेरा मतलब अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से है. बेल्ट एंड रोड, यह धरती की प्रकृति को बदलने का प्रयास है. भारत को वैश्विक दृष्टिकोण अपनाना ही होगा. भारत को अब विचार बनाना होगा, जो वैश्विक विचार हो.

इससे पहले राहुल गांधी ने अपने वीडियो सीरीज की दूसरी कड़ी में कहा था कि प्रधानमंत्री ने सत्ता में आने के लिए एक फर्जी स्ट्रांगमैन की छवि तैयार की. यह उनकी सबसे बड़ी ताकत थी और अब यह भारत की सबसे बड़ी कमजोरी है. राहुल गांधी ने कहा था कि यह सिर्फ सीमा का कोई मुद्दा नहीं है.

राहुल गांधी ने कहा था, ‘मुझे चिंता इस बात की है कि चीनी आज हमारे क्षेत्र में बैठे हुए हैं. चीनी अपनी रणनीति के बारे में सोचे बिना कुछ भी नहीं करते हैं. अपने दिमाग में उन्होंने एक दुनिया का नक्शा बनाया है और वे उस दुनिया को आकार देने की कोशिश कर रहे हैं. जो वे कर रहे हैं वही इसका पैमाना है, ग्वादर क्या है और वन बेल्ट एंड वन रोड क्या है. यह इस धरती का पुनर्गठन है. इसलिए यदि आप चीनियों के बारे में सोच रहे हैं तो आपको ये बातें समझनी होंगी.’

राहुल गांधी ने कहा था कि अब वे (चीनी) रणनीतिक स्तर अपनी स्थिति में सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं, चाहे वह गलवान हो, डेमचोक हो या पैंगोंग झील हो. बात उनकी स्थिति को लेकर है. वे हमारे राजमार्गों से परेशान हैं, वे हमारे राजमार्गों को निर्थक बना रहे हैं. यदि वे बड़े पैमाने पर सोच रहे हैं तो वे कश्मीर में पाकिस्तान के साथ कुछ करना चाहते हैं.

राहुल गांधी ने कहा था कि इसलिए यह सिर्फ सीमा का कोई मुद्दा नहीं है. यह प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए गढ़ा गया सीमा का एक मुद्दा है और वे बहुत खास तरीके से दबाव बनाने की सोच रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि चीनी दरअसल मोदी की छवि पर हमला कर रहे हैं.

राहुल गांधी ने कहा था, ‘वे जानते हैं कि मोदी को एक प्रभावी राजनेता बने रहने के लिए, एक राजनीतिज्ञ के रूप में सर्वाइव करने के लिए अपने 56 इंच वाले विचार की रक्षा करनी होगी. अब सवाल यह है कि मोदी इस पर कैसे प्रतिक्रिया देंगे? क्या वह चुनौती लेंगे और कहेंगे कि मैं प्रधानमंत्री हूं और मुझे अपनी छवि की परवाह नहीं है मैं तुम्हारा सामना करूंगा. या वे उसके आगे झुक जाएंगे?’

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