चीन में मार्च 2020 के बाद सबसे खराब स्थिति, भारत में 7 माह में सबसे कम मामले

अमेरिका समेत दुनियाभर के कई देश अभी भी कोरोना महामारी की मार झेल रहे हैं। इस बीच चीन में भी हालात खराब होने लगे हैं। यहां मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मंगलवार को लगातार सातवें दिन कोरोना के 100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। 18 जनवरी को चीन में 118 नए मामले सामने आए। एक दिन पहले 109 मामले सामने आए थे। देश के स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी दी है। समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार मार्च 2020 के बाद देश में इतनी खराब स्थिति उत्पन्न हुई है। वहीं भारत में संक्रमण काबू में आता दिखाई दे रहा है। पिछले 24 घंटे के दौरान सात महीने में सबसे कम मामले सामने आए हैं। देश में इस दौरान कोरोना के 10,064 नए मामले सामने आए और 137 लोगों की मौत हुई। 

चीन के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटे में 106 मामले घरेलू संक्रमण के हैं। जिलिन में 43 मामले सामने आए हैं। हेबेई में 35 मामले सामने आए हैं। चीन की राजधानी बीजिंग में भी कोरोना का एक मामला सामने आया है।वहीं हेइलोंगजियांग ने 27 नए मामले सामने आए। बढ़ते संक्रमण के कारण लाखों लोग लॉकडाउन में रहे हैं। कुछ उत्तरी शहरों में बड़े पैमाने पर टेस्टिंग हो रही है। लूनर न्यू ईयर की छुट्टियों ने चिताएं बढ़ा दी हैं। इस दौरान  लाखों लोग यात्रा करते हैं, जिसके चलते संक्रमण तेजी से बढ़ सकता है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे छुट्टियों में यात्रा से बचें और शादियों जैसे सामूहिक समारोहों से दूर रहें। जिलिन में ताजा संक्रमण पड़ोसी प्रांत हेइलोंगजियांग से यहां आए एक संक्रमित सेल्समैन के कारण फैला। 

चीन में बगैर कोरोना के लक्षण वाले संक्रमितों की संख्या 91 हो गई है। एक दिन पहले इसकी संख्या 115 थी। चीन इन मामलों को कंफर्म केस नहीं मानता है। चीन में अब तक 89,454 मामले सामने आ गए हैं। वहीं मरने वालों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है। देश में अब तक 4,635 लोगों की मौत हुई है। न्यूजीलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क के नेतृत्व में महामारी की समीक्षा करने वाले विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र पैनल ने सोमवार को कहा कि चीनी अधिकारियों ने शुरुआत में संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए पिछले साल जनवरी में अधिक प्रभावशाली सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय लागू कक सकते थे।

पैनल ने 30 जनवरी तक अंतरराष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा नहीं करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की भी आलोचना की। बता दें कि डब्ल्यूएचओ की एक टीम वर्तमान में वुहान में वायरस की  उत्पत्ति की जांच के लिए मौजूद है, जहां 2019 के अंत में कोरोना का पहला मामला सामने आया था।

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