चीन में फैली महामारी के केंद्र वुहान स्थित एक अस्पताल के निदेशक की मंगलवार को कोरोना वायरस से मौत हो गई। चीन के सरकारी मीडिया सीसीटीवी ने बताया कि वुचांग अस्पताल के निदेशक लिउ झिमिंग की जान बचाने के सारे प्रयास विफल हो गए और उनकी मौत हो गई।
चीन में कोरोना वायरस से अब तक छह चिकित्सा कर्मियों की मौत हो चुकी है और 1,716 कर्मी इससे संक्रमित हुए हैं। वहीं वायरस की वजह से चीन में मरने वालों की संख्या 1868 हो गई है। जबकि इससे संक्रमित होने वालों की कुल संख्या 72,436 हो गई है।
हालांकि, लिउ से पहले इस खतरनाक वायरस की वजह से किसी अस्पताल के निदेशक स्तर के किसी व्यक्ति की मौत की खबर नहीं है। लिउ की मौत की खबर सबसे पहले चीनी मीडिया और ब्लागरों ने मंगलवार आधी रात के बाद दी थी, लेकिन फिर इस खबर को हटा लिया गया था।
लिउ की मौत को वुहान के नेत्र चिकित्सक ली वेन लियांग की मौत से भी जोड़कर देखा जा रहा है। लियांग को दिसंबर के आखिर में कोरोना वायरस के खतरे के प्रति आगाह करने के लिए चीन की पुलिस ने सजा दी थी। लोगों ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर लिउ के साथ ली को भी याद किया।
ली की मौत पर देशभर में रोष के साथ ही लोगों ने सरकारी व्यवस्था पर वायरस के खतरे को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था। वुहान में डॉक्टरों के पास मास्क और रक्षात्मक बॉडीसूट की कमी है।
कुछ डॉक्टर तो कामचलाऊ मास्क और सूट पहनकर लगातार काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि कुछ डॉक्टरों में सांस संबंधी समस्या के लक्षण नजर आ रहे हैं, लेकिन चिकित्सा कर्मचारियों की कमी की चलते उन्हें लगातार काम करना पड़ रहा है।
कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में दिखाई दे रहा है। यहां पर अब तक 1800 लोगों की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि संक्रमण ना केवल नियंत्रण से बाहर है, बल्कि यह काफी खतरनाक स्थिति पर जा पहुंचा है। उन्होंने कहा कि हमें इससे निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर अभियान चलाना होगा।
कोरोना के खतरे का असर कई देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ता दिखाई दे रहा है। अभी तक दो दर्जन से अधिक ट्रेड फेयर और इंडस्ट्रियल कांफ्रेंस को रद किया जा चुका है।
फोन निर्माता कंपनी एपल ने कहा है कि चीन में आइफोन उत्पादन में कमी और कमजोर मांग के चलते वह चालू तिमाही के राजस्व को प्राप्त नहीं कर सकेगी। मंगलवार को इस घोषणा के बाद विश्व के शेयर बाजारों में गिरावट दिखाई दी। कोरियाई राष्ट्रपति मून जे इन ने कहा कि अर्थव्यवस्था एक आपातकालीन स्थिति में है और मांग बाधित होने के चलते आवश्यक प्रोत्साहन की जरूरत है।