चीन की राजधानी में पिछले 10 सालों का सबसे खतरनाक सैंडस्टॉर्म (धूल भरी आंधी) आई है. आज यानी 15 मार्च 2021 को आए इस तूफान की वजह से पूरा बीजिंग शहर पीले रंग की रोशनी से ढंक गया. कई इलाकों में लाइट्स जलानी पड़ी. सड़कों पर लोग हेडलाइटें जलाकर कार चला रहे थे. मास्क लगाया हुआ था. चेहरा ढंका हुआ था. बीजिंग में वायु गुणवत्ता स्तर 1000 पार कर गया. जिसे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने सबसे ज्यादा घातक बताया है. 400 से ज्यादा उड़ानें रद्द की गई हैं. ये धूल भरी आंधी मंगोलिया के पठारों से उड़ी धूल की वजह से आई है.
बीजिंग में सोमवार को दिन में भी लोगों को घर की, सड़कों की लाइटें जलानी पड़ी. क्योंकि पूरे शहर में घने पीले और भूरे रंग की धूल भरी आंधी आ गई थी. ये आंधी इनर मंगोलिया और चीन के उत्तर-पश्चिम इलाके में हुई बारिश के बाद आई थी.
चाइना मेटरोलॉजिकल एडमिनिस्ट्रेशन ने सोमवार को बीजिंग और आसपास के इलाके में यलो अलर्ट जारी किया है. ये सैंडस्टॉर्म (धूल भरी आंधी) इनर मंगोलिया से शुरू होकर गांसू (Gansu), शांसी (Shanxi) और हेबेई (Hebei) प्रांत तक फैली थी. राजधानी बीजिंग इन प्रांतों से घिरा हुआ है.
बीजिंग में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) अधिकतम स्तर 500 पर पहुंच गया है. कुछ जिलों में PM 10 पार्टिकल का स्तर 2000 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर पहुंच चुका है. जबकि कुछ इलाकों में AQI 1000 स्तर भी दर्ज किया गया. यह प्रदूषण और स्वास्थ्य के हिसाब से बेहद खतरनाक है.
सांस संबंधी रोगियों और फेफड़ों के लिए खतरनाक PM 2.5 पार्टिकल का स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया है. जबकि, चीन में इसका स्टैंडर्ड 35 माइक्रोग्राम है. बीजिंग अक्सर मार्च और अप्रैल के महीने में सैंडस्टॉर्म से जूझता है. ऐसा उसके गोबी रेगिस्तान के करीब होने की वजह से होता है. क्योंकि चीन के उत्तर में जंगलों की कटाई काफी तेजी से हो रही है. इसलिए वहां से उड़ने वाली धूल बीजिंग को घेर लेती है.
बीजिंग जिन इलाकों से घिरा है वहां पिछले कुछ हफ्तों से प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा है. बीजिंग में 5 मार्च को जब संसदीय कार्यवाही शुरू हुई, उस दिन भी शहर में स्मोग का स्तर काफी ज्यादा था. सोमवार को धूल भरी आंधी की वजह से विजिबिलिटी घटकर 1 किलोमीटर रह गई थी. जिसकी वजह से कारों और अन्य वाहनों को सड़कों पर हेडलाइट्स जलानी पड़ी थी.
इसके अलावा बीजिंग और आसपास के शहरों से 400 उड़ानों को रद्द करना पड़ा. सोमवार सुबह 7.30 बजे के बाद पूरा शहर पीले-भूरे रंग के धूल में जकड़ गया. कुछ भी दिख नहीं रहा था. इनर मंगोलिया जहां से ये धूल भरी आंधी शुरु हुई वहां पर PM 10 पार्टिकल का स्तर 8000 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा था.
चीन की मीडिया के मुताबिक मंगोलिया और आसपास के इलाकों में धूल भरी आंधी आने के बाद से 341 लोग लापता है. चीन ने निंगशिया (Ningxia) नाम के शहर के लोगों ने बताया कि वो रात में ही सो नहीं पाए. सांस ने ले पाने की वजह से जग गए थे.
चीन में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई जारी है. जबकि, सरकार का दावा है कि वो जंगलों को बचाने के लिए काफी काम कर रहा है, इसके बावजूद हर साल पेड़ों की कटाई की वजह से वहां का पर्यावरण बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. स्मोग और धूल भरी आंधी अक्सर बीजिंग और चीन के अन्य इलाकों को प्रदूषित करते हैं.
बीजिंग के चारों तरफ ग्रेट ग्रीन वॉल्स (Great Green Walls) नाम का अभियान चला रखा है. शहर के चारों तरफ धूल पकड़ने वाले पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं. इसके बावजूद बीजिंग हर साल मार्च और अप्रैल में ऐसी धूल भरी आंधियों से परेशान होता है.
चीन का सबसे प्रसिद्ध स्टील निर्माता शहर तांगशान (Tangshan) और बीजिंग व हेबेई में उद्योग वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं. इनकी वजह से चीन के अक्सर आपातकालीन एंटी-स्मॉग अभियान चलाना पड़ता है. बीजिंग प्रशासन ने लोगों को कहा है कि जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें. तबीयत खराब हो तो तुरंत नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से मिलें.
चीन में पिछले दस सालों में आए इस सबसे खतरनाक सैंडस्टॉर्म को लेकर दुनिया भर की मीडिया खबरें प्रकाशित कर रही हैं. इंटरनेशनल मीडिया ने तो यहां तक कह दिया कि पीले सैंडस्टॉर्म ने चीन और बीजिंग की सांसें रोक दीं. अब उम्मीद जताई जा रही है कि ये मौसम बुधवार तक साफ होगा. ये धूल भरी आंधी यांगत्जे नदीं डेल्टा की तरफ बढ़ जाएगी लेकिन इसकी तीव्रता और कम हो जाएगी.