सीपीईसी यानी चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (CPEC) पिछले लंबे वक्त से इस विवाद में घूम रहा है कि पाकिस्तान और चीन के बीच यहां तनाव देखने को मिल रहा है। अपने विकास के लिए चीन का हाथ पकड़े पाकिस्तान को इस कॉरिडोर से भले ही कई फयदे हों लेकिन दोनों देशों के रिश्ते आजकल इस कड़ी पर बेदम ही दिखाई पड़ रहे हैं।
कई नीतियों के परिप्रेक्ष में चीन पाकिस्तान से समहत नहीं है। आर्थिक तौर से इस कॉरिडोर पर दोनों देशों के मतभेद लंबे समय से सामने आ रहे हैं और इसकी वजह बन रही है सुरक्षा। चीन को भी अब कहीं ना कहीं पाकिस्तान का साथ देना भारी पड़ रहा है! तो पाकिस्तान की अकड़ भी सीपीईसी के बढ़ते मतभेदों से कम पड़ गई है।
कई नीतियों के परिप्रेक्ष में चीन पाकिस्तान से समहत नहीं है। आर्थिक तौर से इस कॉरिडोर पर दोनों देशों के मतभेद लंबे समय से सामने आ रहे हैं और इसकी वजह बन रही है सुरक्षा। चीन को भी अब कहीं ना कहीं पाकिस्तान का साथ देना भारी पड़ रहा है! तो पाकिस्तान की अकड़ भी सीपीईसी के बढ़ते मतभेदों से कम पड़ गई है।
दीअमेर-भाषा डैम के लिए सीपीईसी से 14 बिलियन यूएस डॉलर नकार कर पाकिस्तान ने चीन तक को चोट पहुंचाया। इन्हीं सबूतों के बल पर उमैर जमाल नाम के एक शख्स ने भी इसका जिक्र किया है। जीवन रक्षक प्रस्तावों, सुरक्षा और आर्थिक विषयों पर भी दोनों देश लंबे समय से एक दूसरे को ना-नुकुर कहते आ रहे हैं। पाकिस्तान-चीन में ऐसी ही बढ़ती दूरियां बता रही हैं कि विकास के मामले पर एक-दूसरे के साथ आए इन देशों को असल हकीकत का अंदाजा होने लगा है।
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