अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के साथ हाल में कोई बात नहीं की है और फिलहाल उनकी कोई योजना भी नहीं है। उन्होंने कोरोना वायरस को देश से बाहर फैलने से रोकने में चीन की असमर्थता पर नाराजगी व्यक्त की।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन चीन की कठपुतली बनकर रह गया है। कोरोना वायरस पर डब्लूएचओ ने चीन के साथ दिया, जिसकी वजह से अमेरिका इससे अलग हो गया है। उन्होंने कहा कि हम वायरस को छिपाने और उसे दुनिया पर छोड़ने के लिए पूरी तरह से चीन को जिम्मेदार ठहराते हैं। चीन कोरोना वायरस को फैलने से रोक सकता था और इसे रोकना भी चाहिए था।
यही नहीं, ट्रंप ने नवंबर के राष्ट्रपति चुनावों में डेमोक्रेटिक चैलेंजर पूर्व उप राष्ट्रपति जो बिडेन पर चीन के साथ नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया। ट्रंप ने कहा कि इसके विपरीत मेरे प्रशासन ने लोगों का जीवन बचाने के लिए यूरोप और चीन से यात्रा पर प्रतिबंध लगाने का काम किया। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि हर नागरिक यह जाने कि हम संघीय सरकार की पूरी शक्तिों का उपयोग कर रहे हैं ताकि चीन के वायरस से लड़ सके और अपने लोगों को सुरक्षित रख सके। ट्रंप ने कहा कि हम रिकॉर्ड-ब्रेकिंग समय में एक टीका वितरित करेंगे।
ट्रंप ने कहा कि बिडेन समय-समय पर चीन का पक्ष लेते रहे हैं। उनका मानना है कि चीन कोइ समस्या नहीं है। पिछले 25-30 सालों में चीन ने अमेरिका से जितना लिया है उतना किसी और देश ने नहीं लिया, लेकिन अब वक्त है सब वापस लेने का।
दूसरी तरफ ट्रंप ने चीन को हांगकांग के लोगों के खिलाफ दमनकारी कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए हांगकांग स्वायत्तता अधिनियम पर हस्ताक्षर किए। ट्रंप ने कहा कि इस कदम में चीन का साथ देने वाले विदेशी व्यक्तियों और बैंकों के खिलाफ ट्रंप प्रशासन को प्रतिबंध लगाने की अनुमति मिलेगी।