New Delhi: भारत के खिलाफ बीजिंग का जहर उगलना जारी है। चीनी मीडिया ने कहा है कि अब हर हाल में युद्ध होगा। चीन की इस धमकी पर रूस से जवाब आया है। पुतिन कार्यालय ने भारत को टॉप रेटिड मिसाइलें देने का ऑर्डर जारी किया है।वहीं, शुक्रवार को चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के लैंग्वेज एडिशन में छपे एक लेख में बीजिंग ने विदेशमंत्री सुषमा स्वराज पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।
लेख के मुताबिक, भारतीय विदेशमंत्री डोकलाम में चीन के साथ सैन्य गतिरोध पर झूठ बोल रही हैं। डोकलाम से भारत और चीन के सैनिक वापस बुलाने के बयान को अखबार ने फैंटेसी करार दिया है।
संपादकीय में भारत को मिलिट्री एक्शन की धमकी दी गई है। लेख कहता है, ‘चीन ने पहले ही धैर्य और शांति का परिचय दिया है। अगर दिल्ली अपनी सेना को वापस नहीं बुलाती हैं, तो चीन के पास युद्ध लड़ने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा था कि चीन डोकलाम ट्राईजंक्शन की मौजूदा स्थिति को अपने तरीके से बदलने की कोशिश कर रहा है। डोकलाम में चीन की मौजूदगी भारत के लिए खतरा है। सुषमा ने कहा था कि भारत बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन दोनों देशों को अपनी सेनाएं वास्तविक स्थिति पर बुलानी होगी।चीन में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने विदेशमंत्री के इस बयान पर पलटवार करते हुए लिखा है, ‘भारत की विदेशमंत्री सांसदों से झूठ बोल रही हैं। भारत ने पहले चीन की जमीन पर अतिक्रमण किया। तथ्य ये है कि नई दिल्ली के एडवेंचर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय चकित हैं और कोई उनका समर्थन नहीं करेगा।’
लेख के मुताबिक, भारत मिलिट्री के मामले चीन से काफी पीछे हैं और एक बार लड़ाई शुरू हुई, तो भारत को हारना ही है। संपादकीय में कहा गया है कि सुषमा का कमेंट भारत के स्टैंड में बदलाव को दर्शाता है। हमने यह नोटिस किया है कि भारतीयों के बयान का स्वरुप थोड़ा बदल गया है। अब वे लोग डोंगलाग (डोकलाम) को ट्राईजंक्शन बता रहे हैं। साथ ही दोनों देशों की सेनाओं को एक साथ वापस बुलाने की बात कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि नई दिल्ली ने अपने स्टैंड में बदलाव किया है।सेना को वापस बुलाने की बात को खारिज करते हुए अखबार ने डोकलाम एरिया को भारत की फैंटेंसी बताया है। लेख के मुताबिक चीन कभी भी भारत के साथ सैनिकों को वापस बुलाने की मांग पर सहमत नहीं होगा। डोकलाम चीन का हिस्सा है और भारत तुरंत अपनी सेना वापस बुलाए।
अखबार का दावा है कि चीन में भारत के खिलाफ कठोर कार्रवाई को लेकर जनता समर्थन में है। चीन की जमीन का एक इंच भी गंवाया नहीं जाएगा। और यही चीन के लोगों की इच्छा है। चीन की सरकार कभी भी इस बात की इजाजत नहीं देगी कि जनता की भावनाओं का उल्लंघन हो। पीपुल लिबरेशन आर्मी अपने लोगों को निराश नहीं करती है।
संपादकीय में यह भी कहा गया है कि अमेरिका और जापान युद्ध की स्थिति में कभी भी भारत की मदद नहीं करेंगे। मालाबार सैन्य अभ्यास की ओर इशारा करते हुए लेख में कहा गया है कि भारत को दोनों देशों का समर्थन आभासी है।
1962 का जिक्र करते हुए अखबार ने लिखा है कि भारत ने उस समय चीन की नीति का गलत विश्लेषण किया था। हमें उम्मीद है कि नई दिल्ली 1962 की गलती को नहीं दोहराएगा।