चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के नए मामलों की दर में कुछ गिरावट देखी जा रही है। नतीजन कोरोना वायरस (कोविड-19) प्रकोप के केंद्र वुहान में लगी पाबंदियों में कुछ ढील दी गई है।
उधर, सरकारी ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क के अनुसार, चीन की सर्वोच्च विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की स्थायी समिति की सोमवार को हुई बैठक में सत्र को स्थगित करने का फैसला लिया गया। बता दें कि चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण संसद के सालाना सत्र को स्थगित कर दिया है।
संसद सत्र पांच मार्च से शुरू होने वाला था। चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के शासन में कई दशकों में पहली बार इस तरह का अप्रत्याशित कदम उठाया गया है।
गत दिसंबर में सालाना सत्र पांच मार्च से शुरू करने की घोषणा की गई थी। एनपीसी और सर्वोच्च परामर्श संस्था चाइनीज पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कांफ्रेंस (सीपीपीसीसी) की बैठकें हर साल मार्च में होती हैं और बजट समेत सरकार के सालाना एजेंडे को स्वीकृति दी जाती है। इन दोनों संस्थाओं में पांच हजार से ज्यादा सदस्य हैं। चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि संसद सत्र को स्थगित किया जाना अप्रत्याशित घटना है।
1.1 करोड़ की आबादी वाले वुहान में लोगों को एक माह में पहली बार राहत दी गई। शहर में फंसे लोगों को जाने की अनुमति दी गई है। गत 23 जनवरी को वुहान समेत लगभग पूरे हुबेई प्रांत में आवाजाही पर रोक समेत तमाम पाबंदिया लगा दी गई थीं।
उधर, चीन में सोमवार को 409 नए मामलों का पता चला। एक दिन पहले 648 नए मामलों की पुष्टि हुई थी। अब तक कुल 77,150 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वायरस से जान गंवाने वालों की संख्या 2592 हो गई है। राजधानी बीजिंग और शंघाई में नए मामले सामने नहीं आए।
चीन ने सोमवार से जंगली पशुओं के कारोबार और सेवन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। माना जा रहा है कि इसी तरह के खानपान के चलते कोरोना वायरस फैला है। गत माह कुछ अध्ययनों में कहा गया था कि सांप या चमगादड़ से वायरस फैला हो सकता है।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा है कि देश में तीन हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा हुबेई प्रांत से हैं। हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान से ही पिछले साल के आखिर में यह वायरस फैला था।