इस समय पूरी दुनिया की नज़र चीन के मेगा प्रोजेक्ट वन बेल्ट वन रोड़ यानि OBOR पर है. भारत लगातार इसका विरोध कर रहा है, तो इसके साथ ही इसका तोड़ निकालने में भी लगा है. ओबीओआर को किनारे कर भारत ने अपने पड़ोसियों को साधने की तैयारियां कर ली हैं, भारत ‘एनर्जी डिप्लोमेसी’ के तहत अपने पड़ोसियों को अपना बनाने की कोशिश कर रहा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, भारत लगातार इंडोनेशिया से लेकर मॉरिशस तक ऊर्जा संबंधों को मजबूत बनाने में जुटा है. जिससे भारत पश्चिमी ओर से किये जा रहे अवरोधों से निपटने की तैयारी कर रहा है. भारत हिंद महासागर क्षेत्र में सभी करीबियों को साधने में जुटा है, इसके तहत मॉरिशस की भूमिका काफी अहम है. इससे पहले भी भारत मॉरिशस को पेट्रोलियम उत्पादों को सप्लाई करता रहा है. मॉरिशस के साथ जुड़ने से भारत अपनी पकड़ अफ्रीकी देशों तक भी पहुंचा सकता है.
हाल ही में चीन और म्यांमार के बीच हुई एक डील के कारण यहां की 80 फीसदी प्राकृतिक गैस चीन को मिलती है, हालांकि भारत असम से म्यांमार को डीज़ल की सप्लाई करता रहा है. अब भारत म्यांमार को साधने के लिए अपनी मदद बढ़ा सकता है.
यह रणनीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक बड़ा हिस्सा बताई जा रही है. जिस प्रकार पश्चिम में पाकिस्तान लगातार चीन के करीब जा रहा है, उसी की काट के लिए भारत पूर्व में मौजूद अपने पड़ोसियों को अपने साथ लाना चाहता है.