दिल्ली-एनसीआर के करोड़ों लोगों की लाइफलाइन दिल्ली मेट्रो के चौथे फेज का काम तेज गति से चल रहा है, ताकि तय समय पर इसे पूरा किया जा सके। इस बीच खबर आ रही है कि चीन की कंपनियां ही दिल्ली मेट्रो के फेज-4 कॉरिडोर का निर्माण कार्य सुचारू रूप से करती रहेंगी। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में गत दिनों चीनी सैनिकों की भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद तनातनी इस कदर बढ़ी कि देशभर में चीन की कंपनियों के साथ हुए करार रद कर दिए गए। इनमें निर्माण क्षेत्र से जुड़े भी कई करार थे जिन्हें रद कर दिया गया। अब इन सबके बीच दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corportaion) के साथ फेज चार के कॉरिडोर निर्माण संबंधी चीन की कंपनियों से हुआ करार जारी रहेगा।
दिल्ली मेट्रो से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, दो कॉरिडोर, जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम और मौजपुर-मजलिस पार्क का निर्माण चीन की दो कंपनियां करेंगी। डीएमआरसी का कहना है कि फेज चार में सिर्फ दो ही कॉरिडोर बनाने की जिम्मेदारी चीन की कंपनियों को दी गई है। इनमें भी सिर्फ 26 फीसद काम ये कंपनियां करेंगी, बाकी का कार्य भारतीय कंपनियों को ही सौंपा गया है।
गौरतलब है कि फेज चार में छह मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण का प्रस्ताव है। इनमें से तीन कॉरिडोर को ही अब तक मंजूरी मिली है। उक्त दो कॉरिडोर के अलावा एयरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर शामिल है। कॉरिडोर बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया वर्ष 2019 में पूरी हुई थी। इसके लिए ओपन टेंडर जारी हुआ था। 28.92 किलोमीटर लंबे जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर पर केशोपुर से हैदरपुर बादली मोड़ तक 10 स्टेशन व एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का काम चीन की कपंनी को मिला है। इस कॉरिडोर पर कुल 22 स्टेशन होंगे। वहीं मौजपुर-मजलिस पार्क के बीच एलिवेटेड कॉरिडोर व आठ स्टेशन का निर्माण भी चीन की कंपनी करेगी। इन सभी 6 कॉरिडोर के बनने से दिल्ली में यात्रा का स्वरूप ही बदल जाएगा, वहीं सड़कों पर लगने वाले जाम से भी छुटकारा मिलेगा।