भारतीय नौसेना ने मंगलवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी शिप वर्जन का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में किया गया. इससे पहले 24 नवंबर को सतह से सतह तक मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया गया था.
आपको बता दें कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी तनाव के बीच भारत अपनी ताकत बढ़ाने में जोर-शोर से जुटा है. पिछले तीन महीनों से एक के बाद एक कई क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया जा रहा है. भारत और रूस के संयुक्त प्रयासों से बनाई गई सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के भी अलग-अलग संस्करणों के परीक्षण किए गए.
ब्रह्मोस अपनी श्रेणी में दुनिया की सबसे तेज परिचालन प्रणाली है और डीआरडीओ द्वारा इस मिसाइल प्रणाली की सीमा को अब मौजूदा 290 किलोमीटर से बढ़ाकर करीब 450 किलोमीटर कर दिया गया है. ब्रह्मोस मिसाइल के नौसेना संस्करण का 18 अक्टूबर को अरब सागर में सफल परीक्षण किया गया था.
परीक्षण के दौरान ब्रह्मोस ने 400 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद लक्ष्य पर अचूक प्रहार करने की अपनी क्षमता को बखूबी प्रदर्शित किया था. इसके बाद 24 नवम्बर को अंडमान निकोबार में सतह से सतह पर अचूक निशाना लगाने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के लैंड अटैक वर्जन का सफल परीक्षण किया गया था.
आज परसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के एंटी शिप वर्जन का सफल परीक्षण किया गया. सेना के सूत्रों के अनुसार भारतीय वायुसेना और नौसेना अगले कुछ दिनों में ब्रह्मोस के कुछ और नए संस्करणों का भी अलग-अलग परीक्षण करेंगी.