पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद, लॉ कॉलेज की छात्रा और उसके तीन दोस्तों को आवाज के नमूने लेने के लिए बुधवार को शाहजहांपुर जेल से लखनऊ लाया गया है।
लखनऊ स्थित महानगर विधि विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) में पांचों की आवाज के नमूने लिए गए हैं, जिसका वायरल हुए वीडियो से मिलान कराया जाएगा। शाहजहांपुर की सीजेएम कोर्ट की अनुमति के बाद विशेष जांच दल (SIT) ने यह कदम उठाया है। इस दौरान प्रयोगशाला के अधिकारी, एसआइटी टीम के सभी सदस्य, शाहजहांपुर जेल के सुरक्षाकर्मी और लखनऊ पुलिस के उपनिरीक्षक जवान मौजूद रहे।
बुधवार सुबह करीब छह बजे एसआइटी पहले छात्रा को लखनऊ फोरेंसिक लैब ले जाने के लिए शाहजहांपुर जेल से निकली। इसके करीब तीन घंटे बाद यानी नौ बजे चिन्मयानंद को कड़ी सुरक्षा में जेल गेट के अंदर से ही गाड़ी में बैठाकर एसआइटी लखनऊ लेकर चली गई। जेल प्रशासन के मुताबिक करीब 11 बजे के बाद छात्रा के तीनाें साथी सचिन, संजय और विक्रम को लखनऊ भेजा गया।
जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर चिन्मयानंद, छात्रा व तीन अन्य आरोपियों को अलग-अलग समय पर जेल से लखनऊ के लिए भेजा गया। आवाज का सैंपल लेने के लिए पांचों आरोपितों को लखनऊ स्थित लैब ले जाने के लिए सीजेएम कोर्ट की अनुमति का पत्र चार अक्टूबर जेल प्रशासन तक पहुंच गया था।
दुष्कर्म और रंगदारी प्रकरण की जांच में वायरल हुए वीडियो अहम साक्ष्य हैं। एसआइटी का दावा है कि जांच के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद, छात्रा और तीनों युवकों ने वीडियो में अपनी मौजूदगी स्वीकारी है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की जांच में भी वीडियो सही पाए गए हैं।
उनसे टेंपरिंग या एडिटिंग की बात सामने नहीं आई है, लेकिन जो आवाज इन वीडियो क्लिप में है वह आरोपितों की ही है इसे साबित करने के लिए उनका वॉयस सैंपल टेस्ट होना जरूरी है। ताकि एसआइटी अपनी जांच को सही बताते हुए हाई कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रख सके। इसलिए पांचों लोगों को लखनऊ विधि विज्ञान प्रयोगशाला ले जाने की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से अनुमति ली गई थी। अब एसआइटी इन आरोपितों को वॉयस सैंपल टेस्ट के लिए लखनऊ ला रहा है।
लॉ की छात्रा से दुष्कर्म और यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद चिन्मयानंद के कुछ आपत्तिजनक वीडियो 10 सितंबर को वायरल हुए थे। उसी दिन शाम को एक और वीडियो वायरल हुआ था, जो चिन्मयानंद से रंगदारी मांगे जाने के मामले से संबंधित बताया जा रहा है।
इसमें छात्रा और उसके दोस्त संजय के अलावा सचिन व विक्रम की बातचीत भी है। इससे जुड़ा एक और वीडियो 26 सितंबर को वायरल हुआ था। एसआइटी ने वायरल वीडियो से पांचों की आवाज मिलान के लिए रिमांड मांगी थी, जिस पर कोर्ट ने चार अक्टूबर को अनुमति दे दी थी।