बच्चों को शुरुआती वर्षो में ही यदि सीखने का माहौल मिले तो इसका सकारात्मक प्रभाव किशोरावस्था में भी जारी रहता है और उसके बाद में वह हर परिस्थिति का आसानी से सामना करने में सक्षम हो जाते हैं। साथ ही परीक्षाओं में अच्छे अंक भी हासिल करते हैं।
एक अध्ययन में दावा किया गया है कि जिन बच्चों के माता-पिता नियमित रूप से बच्चों के साथ जुड़ाव रखते हैं और पढ़ाई में उनकी मदद करते हैं, उन बच्चों ने 12 साल की उम्र में गणित की परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन किया। इस अध्यय के मुख्य लेखक और बामबर्ग यूनिवर्सिटी के सिमोन लेहरल ने कहा कि शुरुआती वर्षो में बच्चों पर ध्यान देने से न सिर्फ उनकी भाषा पर पकड़ मजबूत होती है बल्कि कालांतर में ऐसे बच्चे व्यवहार कुशल भी होते हैं।
उन्होंने कहा कि इस अध्ययन में बच्चों के लिए किताबी ज्ञान के अलावा सामाजिक जीवन के महत्वपूर्ण विषयों को रेखांकित किया गया है। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 229 बच्चों को शामिल किया और उनकी साक्षरता और व्यवहार कुशलता का अध्ययन किया।