दो हफ्ते में पिछले साल की तुलना में 2.80 लाख यात्री कम पहुंचे हैं। घोड़े-खच्चरों की बीमारी और मौसम की दुश्वारी का भी यात्रा पर असर रहा।
भारत पाक तनाव से बने भ्रम और आशंकाओं के कारण चारधाम यात्रा अपने चरम पर नहीं पहुंच पाई है। यात्रा शुरू हुए पूरे दो हफ्ते हो चुके हैं। पिछले साल की तुलना में 2.80 लाख श्रद्धालु कम पहुंचे हैं। हालांकि यात्रा पर आने के लिए अपना पंजीकरण कराने वालों की संख्या लाखों में है।
प्रदेश में 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई थी। सोमवार तक 13 दिनों में 605183 यात्री चारधाम यात्रा में दर्शन के लिए पहुंचे। पिछले वर्ष शुरुआती 13 दिनों में 885733 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आए थे। यानी अभी तक यात्रियों की संख्या में 32 प्रतिशत की गिरावट है। हालांकि मई महीने में ही यात्रा के चरम पर पहुंचने की सबसे ज्यादा संभावना मानी जा रही है। पिछले वर्ष भी इसी महीने सबसे ज्यादा यात्री पहुंचे थे।
इन वजहों से ठिठके श्रद्धालुओं के पांव
यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर रखी है। स्थानीय व्यापारी भी इस बार यात्रा को लेकर खासे उत्साहित हैं। लेकिन एक के बाद एक बाद चुनौती खड़ी होने से यात्रा प्रभावित होती चली गई। सात मई को पहलगाम में हुई पर्यटकों पर आतंकी हमले के बाद बनी परिस्थितियों में यात्रियों के पांव ठिठक गए।
केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर संक्रमण के कारण करीब 13 घोड़े और खच्चरों की मौत होने से तीन दिन इनके संचालन पर रोक लगानी पड़ी।
चारों धामों में खराब मौसम भी यात्रा के प्रभावित होने की एक प्रमुख वजह माना गया। हालांकि इसका बहुत अधिक प्रभाव नहीं दिखा।
अगले 15 दिनों पर टिका दारोमदार
पिछले साल मई महीने का दूसरा पखवाड़ा चारधाम यात्रा का चरम था। इस अवधि में पूरे सीजन के दौरान सबसे अधिक यात्री पहुंचे थे। स्कूलों में छुट्टियां और गर्मी के कारण बड़ी संख्या में यात्री चारधाम आए। पिछले चार दिनों में यात्रियों की संख्या में कुछ इजाफा हुआ भी है। 12 मई तक चार दिनों में यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है। नौ मई को 45772, 10 मई को 51356, 11 मई को 55034 और 12 मई को 54678 यात्री चारधाम यात्रा में पहुंचे। लेकिन 2024 की तुलना में यात्रियों की तादाद कम है और यही चारधाम यात्रा से जुड़े छोटे से लेकर बड़े व्यापारी की चिंता भी है।
पिछले साल की तुलना में चारधाम यात्रियों की संख्या 32 फीसद की गिरावट है। निसंदेह परिस्थितियां प्रतिकूल होने से यात्रा पर असर पड़ा है। 2024 में 17 से 23 मई के बीच सबसे अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे। देखना दिलचस्प होगा कि मौजूदा हालात में यात्रा उस चरम को पार कर पाएगी या नहीं। यदि ऐसा नहीं होता है तो सरकार को सभी हितधारकों से बात करनी होगी। -अनूप नौटियाल, सामाजिक कार्यकर्ता व विश्लेषक
छोटे होटलों को इस बार एडवांस बुकिंग न के बराबर मिली। जो हुई भी ताजा बनी परिस्थितियों में रद हो गईं। सामान्य हो रही स्थितियों में हमें यात्रियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। – नितिन जमलोकी, सचिव, श्री केदारधाम होटल एसोसिएशन
भारत पाक तनाव का चारधाम यात्रा पर आंशिक असर है। इस वर्ष चारों धामों के कपाट पिछले साल की तुलना पहले खुल गए थे। लेकिन 2023 से तुलना करें तो शुरुआती हफ्तों में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या अधिक है। यात्रा सुचारू रूप से संचालित है। अब चारों धामों में यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।