बिहार में चमकी बुखार (एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम) से बच्चों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता जताते हुए केंद्र और राज्य सरकार से बच्चों की मौत पर जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार को निर्देश दिया है कि वह बताए कि राज्य में इलाज और डॉक्टरों की स्थिति क्या है। अदालत ने राज्य सरकार को इन सवालों के जवाब के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी की ओर से दाखिल याचिकाओं में इलाज को लेकर हुई लापरवाही की जिम्मेदारी तय करने का भी आग्रह किया गया है। याचिका में प्रभावित इलाकों में 100 मोबाइल आइसीयू बनाने तथा अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की मांग की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि सरकारी सिस्टम इस बुखार का सामना करने में पूरी तरह से फेल रहा है। एईएस प्रभावित भगवानपुर प्रखंड के हरिवंशपुर गांव में रविवार को पहुंचे लालगंज के लोजपा विधायक राजकुमार साह को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। गांव में एईएस से सात बच्चों की मौत के दो सप्ताह बाद पहुंचे स्थानीय विधायक को देखते ही ग्रामीणों ने घेर लिया और अपशब्द कहने लगे। कुछ ने हाथ चलाने की भी कोशिश की। सदर एसडीएम ने विधायक को ग्रामीणों के चंगुल से निकाला। हरिवशंपुर गांव लालगंज विस क्षेत्र में पड़ता है। लोगों का गुस्सा था कि एक के बाद एक गांव में सात बच्चों की मौत हो गई, दो सप्ताह तक विधायक मातमपुर्सी करने तक नहीं आए।