मामला 2011 का है। सीबीआई ने मोहाली के मुल्लांपुर निवासी केके मल्होत्रा की शिकायत पर सेक्टर-15 स्थित कोठी से राका गेरा को एक लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। छापेमारी में सीबीआई को एके-47 के 67 कारतूस, 32 बोर की जर्मन मेड रिवाल्वर, एक डबल बैरल गन मिली थी।
सीबीआई की विशेष अदालत ने एक लाख रुपये रिश्वत के मामले में पंजाब पुलिस की पूर्व डीएसपी राका गेरा को दोषी करार दिया है। सीबीआई की अदालत इस मामले में सजा बुधवार को सुनाएगी। सीबीआई ने राका गेरा के खिलाफ 2011 में आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था। उस समय यह केस चंडीगढ़ सीबीआई की विशेष अदालत में चल रहा था। करीब पांच साल तक ट्रायल पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी थी लेकिन अगस्त 2023 में रोक हटा दी गई और फिर लगातार मुकदमा चला।
सीबीआई के सरकारी वकील नरेंद्र सिंह ने अदालत में बहस के दौरान कहा कि जांच एजेंसी के पास राका गेरा के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। उसकी शिकायतकर्ता के साथ हुई बातचीत की ट्रांसस्क्रिप्ट और फुटेज भी है, जिससे यह साबित होता है कि उसने रिश्वत मांगी थी। राका गेरा को सीबीआई चंडीगढ़ ने उसके सेक्टर-15 स्थित घर से गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ मुल्लांपुर के एक बिल्डर ने रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे। हालांकि, अदालत में गवाही के दौरान वह अपने बयान से मुकर गया था।
यह है मामला
मोहाली के मुल्लांपुर निवासी केके मल्होत्रा की शिकायत पर सीबीआई ने 25 जुलाई 2011 को सेक्टर-15 स्थित कोठी से राका गेरा को एक लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई ने उनके घर पर छापेमारी की तो भारी मात्रा में हथियार मिले थे। तलाशी के दौरान सीबीआई को एके-47 के 67 कारतूस, 32 बोर की जर्मन मेड रिवाल्वर, एक डबल बैरल गन बरामद की थी। इसके अलावा शराब की 53 बोतलें बरामद हुई थीं।
सीबीआई के मुताबिक जांच के दौरान उसके घर से 90 लाख रुपये नकद बरामद हुए थे। राका के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत भी एफआईआर दर्ज हुई थी। इस केस में 2017 में राका गेरा को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत ने एक साल की सजा सुनाई थी। सजा के खिलाफ उसने सेशंस कोर्ट में अपील फाइल की थी। 2019 में डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज की कोर्ट ने उसे बरी कर दिया था।