अपनी बात कॉन्फिडेंस से रखें। आप जिन भी बातों को इस डिस्कशन में कह रहे हैं उसे पूरे आत्मविश्वास के साथ रखें। इस दौरान आपको बॉडी लैंग्वेज का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा बिल्कुल न करें कि जब आप अपनी बात कहें तो आपका ध्यान कहीं और हो। ऐसा करना आपकी इमेज को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
आमतौर पर रिक्रूटमेंट हो या फिर कॉलेज के रिटेन एग्जाम कैंडिडेट्स के भीतर लिखित परीक्षा को लेकर इतनी टेंशन नहीं होती है, जितनी की बैचेनी ग्रुप डिस्कशन को लेकर देखने को मिलती है। ज्यादातर उम्मीदवार इस राउंड के लिए चितिंत रहते हैं कि आखिर चार लोगों के सामने अपनी बात कैसे रखेंगे, फिर बात ही नहीं रखनी है बल्कि प्रभावी तरीके से अपनी बात कहनी है। ऐसे में वे इस दौर के लिए कई बार नर्वस भी हो जाते हैं। इसलिए कैंडिडेट्स की इसी उलझन को दूर करने के लिए आज हम कुछ अहम टिप्स देने जा रहे हैं, जिनको फाॅलो करके आप खुद को बेहतर तरीके से प्रेजेंट कर सकते हैं। आइए डालते हैं एक नजर।
इंट्रोडक्शन पर दें ध्यान
ज्यादातर ग्रुप डिस्कशन की शुरुआत इंट्रोडक्शन से होती है। इसलिए सबसे पहले तो यह जरूरी है कि आप अपना इंप्रेसिव इंट्रो तैयार करें। यह बहुत ही स्ट्रांग और बैलेंस होना चाहिए। जैसे सीवी बनाते वक्त गैर जरूरी जानकारी देने से बचना चाहिए। ठीक, उसी तरह इंट्रो तैयार करते वक्त भी इस बात का ध्यान रखें। सही और सटीक जानकारी अपने बारे में सीमित शब्दों में दें।