दिल्ली में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह खान को राहत देते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को एक महिला के साथ गैर इरादतन हत्या के मामले में बरी कर दिया है. 2016 के इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने पाया कि मामले में जिस महिला को लेकर विधायक पर एफआईआर दर्ज की गई है उसी महिला के बयान कोर्ट में बार-बार बदलते रहे हैं. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस महिला ने साल 2016 में 21 जुलाई से 26 जुलाई के बीच में लगातार कोर्ट में अपने बयान बदले और हर बार दिए गए बयान पिछले बयान से एकदम उलट थे.
शिकायतकर्ता महिला के बार-बार बयान बदलने का फायदा आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को पटियाला हाउस कोर्ट में मिला. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि महिला के बयान संदेह जनक है और कोर्ट इस पर विश्वास नहीं कर सकता. ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान पर यह मामला जुलाई 2016 में दर्ज किया गया था जिसमें महिला द्वारा विधायक पर आरोप लगाया गया था कि उसने जान से मारने की धमकी दी और महिला की बेइज्जती करते हुए उसका शीलभंग करने की कोशिश की.
महिला द्वारा एफआईआर जामिया नगर के पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई गई थी. इस एफआईआर में महिला द्वारा कई सनसनीखेज आरोप विधायक अमानतुल्लाह खान पर लगाए गए थे. पुलिस को दर्ज कराई गई एफआईआर में महिला ने विधायक पर आरोप लगाया था कि विधायक ने ना सिर्फ उसे जिंदा जलाने की धमकी दी बल्कि उसका रेप करने की भी धमकी दी गई.
10 जुलाई 2016 में हुई इस घटना में जसोला इलाके में रहने वाली ये महिला बिजली कटौती की समस्या को लेकर विधायक अमानतुल्लाह खान के घर गई थी. बिजली की समस्या का तो कोई निदान नहीं हुआ, लेकिन महिला का आरोप था कि बाटला हाउस स्थित अपने घर में विधायक ने उसको जबरदस्त डराया धमकाया. हालांकि महिला जब कोर्ट पहुंची तो पुलिस में दिए गए बयानों से उसके बयान उलट थे. उसने कहा कि उसको धमकी विधायक ने नहीं बल्कि विधायक के घर में मौजूद किसी दूसरे व्यक्ति ने दी थी जो कभी इस केस में ट्रेस ही नहीं हो पाया.