विकास दुबे के खात्मे के साथ ही कानपुर के बिकरू और आसपास के गांवों में आज से एक नई सुबह हुई है. बिकरू गांव में में तो लोग अभी भी घरों में दुबके हैं, लेकिन कुछ दूर शिवली गांव में लोग जश्न मना रहे हैं. इस गांव के लोग विकास दुबे से इतना खौफ खाते थे कि उनका कहना है कि उन्हें आज नई आजादी मिली है.

शिवली गांव में विकास दुबे की अदावत झेल रहे लल्लन वाजपेयी ने अपने घर में खुशियां मनाईं. लल्लन वाजपेयी के घर विकास दुबे ने साल 2002 में बम और गोलियों से हमला करवाया था.
रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना में तीन लोग मारे गए थे. विकास दुबे और लल्लन वाजपेयी पहले दोस्त हुआ करते थे, इस घटना के बाद उनके बीच दुश्मनी की दीवार खड़ी हो गई.
बता दें कि कानपुर देहात का शिवली कस्बा कभी विकास दुबे का आपराधिक गढ़ हुआ करता था. शिवली से ही विकास दुबे ने अपराध जगत में कदम रखा था.
2002 में शिवली के लल्लन वाजपेयी पर विकास दुबे ने हमला करवाया था. इस हमले में लल्लन वाजपेयी घायल हो गया था. विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद लल्लन वाजपेयी ने कहा कि सारा समाज, सारा क्षेत्र बहुत खुश है.
यहां के लोगों को लग रहा है कि उन्हें एक नई आजादी मिली है. ‘विकास’ युग का अंत हो गया है, आतंक युग का अंत हो गया है और अब शांति के समय की शुरुआत हो गई है. लल्लन वाजपेयी ने अपने समर्थकों के बीच मिठाई बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया.
समाचार एजेंसी के मुताबिक विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिसकर्मियों का कानपुर शहर में सम्मान किया गया. लोगों ने उन्हें फूल की मालाएं पहनाईं और उनका स्वागत किया. लाला लाजपत राय अस्पताल के बाहर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया.
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