भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने अब खुद के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटिश गृह मंत्री साजिद जावेद के जारी आदेश को चुनौती देने की अनुमति हाई कोर्ट से मांगी है। माल्या भारतीय बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज चुकाए बगैर ब्रिटेन भाग गया है। भारतीय एजेंसियां उसे भारत लाकर दर्ज मुकदमों की सुनवाई शुरू करने की कोशिश कर रही हैं।
भारतीय एजेंसियों की याचिका पर निचली अदालत से मिले प्रत्यर्पण के आदेश को चुनौती देने में माल्या को ब्रिटिश हाई कोर्ट से फिलहाल निराशा हाथ लगी है। हाई कोर्ट ने लिखित रूप में उसके मामले में सुनवाई से इन्कार कर दिया है, पूर्व में दायर अर्जी पर इसी सप्ताह मौखिक बहस होगी। इसी में माल्या को भारतीय एजेंसियों के खिलाफ हाई कोर्ट को संतुष्ट करना होगा।
इस तरीके से भारतीय एजेंसियों के हत्थे चढ़ने के आसार क्षीण होते देख माल्या ने मंगलवार को नई चाल चली। उसके वकीलों ने अब ब्रिटिश गृह मंत्री के आदेश को कोर्ट में चुनौती देने की अनुमति मांगी है। प्रत्यर्पण के सिलसिले में निचली अदालत का आदेश जारी होने के बाद गृह मंत्री ने माल्या के प्रत्यर्पण के प्रशासनिक आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। न्यायाधीश ने इस मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया है।