मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह के दावे के बाद महाराष्ट्र में सियासी हलचल बढ़ गई है. इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार के सुझाव को पूर्व आईपीएस अफसर जूलियो रिबेरो ने खारिज कर दिया है. दरअसल, पवार ने रिबेरो से गृह मंत्री अनिल देशमुख और निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे मामले की जांच कराना चाहते थे.
शरद पवार ने कहा था कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह के दावे की जांच पूर्व आईपीएस अफसर जूलियो रिबेरो करें, जिसमें मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने कहा था कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा.
शरद पवार के सुझाव पर पूर्व आईपीएस अफसर जूलियो रिबेरो ने कहा, ‘मैं जांच के लिए उपलब्ध नहीं हूं, किसी ने भी (राज्य सरकार में) मुझसे संपर्क नहीं किया है, किसी भी मामले में अगर वे मुझसे संपर्क करते हैं, तो भी मैं अनुपलब्ध हूं.’
पूर्व आईपीएस अफसर जूलियो रिबेरो ने कहा, ‘मैं 92 साल का हूं, कोई भी 92 साल की उम्र में ऐसा काम नहीं करना चाहता हूं, अगर आप गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच करवाना चाहते हैं तो शरद पवार को खुद ही करना चाहिए, क्योंकि वह सत्ता पक्ष (एनसीपी) के अध्यक्ष हैं.
पूर्व आईपीएस अफसर जूलियो रिबेरो, मुंबई पुलिस के कमिश्नर रह चुके हैं. इसके अलावा वह गुजरात और पंजाब पुलिस के चीफ भी रह चुके हैं. बाद में उन्हें रोमानिया में भारत का राजदूत भी नामित किया गया था. अनिल देशमुख मामले की जांच की बात पर रिबेरो ने कहा कि एक रिटायर पुलिस अधिकारी को ऐसा करने के लिए क्यों कहा जाना चाहिए.
इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा, ‘मैं परमबीर सिंह द्वारा किए गए दावों पर जांच करने के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी जूलियो रिबेरो की मदद लेने को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सुझाव दूंगा.’
मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह ने शनिवार को गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस से हर महीने स्थानीय रेस्तरां और पब से 100 करोड़ रुपये की उगाही करने का आरोप लगाया था. परम बीर सिंह का कहना है कि अनिल देशमुख ने वसूली की जिम्मेदारी निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को दी थी.
जूलियो रिबेरो मुंबई के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं. उनकी एक ईमानदार अफसर की छवि रही है. उन्हें ऐसे सख्त पुलिस कमिश्नर के रूप में जाना जाता रहा है, जिसने तस्कर माफिया पर अंकुश लगाया. बाद में वह CRPF के महानिदेशक बने. इसके बाद गुजरात के पुलिस महानिदेशक भी नियुक्त हुए. आतंकवाद ग्रस्त पंजाब में भी वह पुलिस महानिदेशक बनाए गए.