सिख पंथ के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व आज बाबे की नगरी सुल्तानपुर लोधी में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में करीब 15 लाख संगत के नतमस्तक होने का अनुमान है। सोमवार को भी गुरुद्वारे में 9 लाख श्रद्धालुओं ने माथा टेका।
श्रद्धालु सोमवार से ही सुल्तानपुर लोधी पहुंचना शुरू हो गए हैं। सुल्तानपुर लोधी में 35 हजार संगत के लिए ठहरने का प्रबंध किया गया है। सोमवार दोपहर को ही टेंट सिटी हाउसफुल हो गई। वहीं सांसद जसबीर सिंह डिंपा और कैप्टन संदीप संधू ने सुल्तानपुर लोधी में प्रबंधों का जायजा लिया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अलावा सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी समागम में हिस्सा लेंगे और संगत को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर दीवान सजाए जाएंगे। एसजीपीसी और सरकार के अलग-अलग स्टेज होंगे। राष्ट्रपति मंगलवार सुबह आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन पहुंचेंगे, जहां से वह कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ हेलीकॉप्टर से सुल्तानपुर लोधी आएंगे। पूरे इलाके की सुरक्षा पुख्ता कर दी गई है। बाईपास से आने वाले सभी रास्तों पर पार्किंग बना दी गई है।
गुरुद्वारा श्री बेर साहिब सिखों के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है। बताया जाता है कि गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के 14 वर्ष यहीं बिताए थे। श्री बेर साहिब से तीन किलोमीटर की दूरी पर गुरुद्वारा श्री संत घाट है। गुरु जी यहां प्रतिदिन स्नान करने आते थे। एक दिन वे डुबकी लगाकर 72 घंटे के लिए आलोप हो गए। इसी दौरान उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई और उन्होंने ‘एक ओंकार सतनाम करतापुरख’ के मूल मंत्र का उच्चारण किया। इस जगह का नाम गुरु जी द्वारा लगाए बेर के पेड़ के नाम पर पड़ा है। यह पेड़ आज भी सुरक्षित है।