गुजरात में रफ्तार से वाहन चलाने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में एक वर्ष में कुल 5972 व्यक्तियों की मौत हो गई। इनमें शराब के नशे में वाहन चलाने वाले कुल 754 लोगों की मृत्यु भी शामिल हैं। वहीं मानव रहित रेलवे क्रासिंग के कारण हुई दुर्घटना में कुल 8040 व्यक्तियों की मौत हुई हैं। नेशनल क्राइम ब्यूरों में यह जानकारी दी गई हैं। इस प्रकार मानव रहित रेलवे क्रासिंग और सड़क दुर्घटना में कुल 14012 लोगों की मृत्यु हुई हैं।
गुजरात में वाहन की रफ्तार के कारण दुर्घटना की कुल 13941 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें कुल 5972 व्यक्तियों की मौत हुई। इस प्रकार गुजरात में प्रतिदिन औसतन 16 व्यक्तियों की मौत हुई हैं। वाहनों की रफ्तार के कारण हुई दुर्घटना में अहमदाबाद पहले स्थान पर हैं। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरों के अनुसार 2018 में अहमदाबाद में दुर्घटना में सर्वाधिक 293 व्यक्तियों की मौत हुई हैं। इस प्रकार अहमदाबाद मे प्रति महीने औसतन 24 लोगों की मौत होती हैं। वहीं सूरत में 271, राजकोट में 202 की मौत हुई हैं।
गुजरात में शराबबंदी होते हुए भी नशे में वाहन चलाने वाले 296 घायलों में 122 की मृत्यु हुई हैं। नशे में वाहन चलाने वाले सर्वाधिक 754 नशेड़ियों की मृत्यु हुई हैं। वहीं झारखण्ड में 544 लोगों की मौत हुई हैं। देश में नशा करने बाद वाहन चलाने वाले कुल 3272 लोगों की मृत्यु हुई हैं। इसी प्रकार थकावट के कारण होने वाली दुर्घटना में 149 घटना के साथ मध्यप्रदेश प्रथम, 111 के साथ उत्तरप्रदेश द्धितीय, 137 घटना के साथ झारखण्ड तृतीय तथा 66 के साथ चतुर्थ एवं 65 दुर्घटना के साथ बिहार पांचवे स्थान पर हैं।
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरों के अनुसार मानव रहित रेलवे क्रासिंग के कारण गुजरात में कुल 18414 दुर्घटनाएं हुई हैं। इनमें कुल 17619 लोग घायल हुए तथा 8040 की मौत हुई। मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर होनेवाली दुर्घटनाओं में सर्वाधिक मृत्यु में गुजरात सातवें स्थान पर हैं। वहीं 22541 व्यक्तियों की मौत के साथ उत्तरप्रदेश पहले स्थान पर हैं। अहमदाबाद में मानव रहित रेलवे क्रासिंग के कारण हुए 1617 घटनाओं में 373, सूरत 318, राजकोट 202 और वड़ोदरा में 182 व्यक्तियों की मौत हो गई।