पोंजी स्कीम संचालक भूपेंद्र सिंह जाला के दो बैंक खातों में 175 करोड़ रुपये के लेन-देन का पता लगने के बाद उसके ठिकानों पर छापा मारकर 16.37 लाख रुपये नकदी जब्त की है। इसके अलावा तीन लैपटॉप, 11 मोबाइल फोन, रबर स्टांप, दस्तावेज और पैन कार्ड जब्त किए हैं।
गुजरात सीआईडी ने पोंजी स्कीम संचालक भूपेंद्र सिंह जाला के दो बैंक खातों में 175 करोड़ रुपये के लेन-देन का पता लगने के बाद उसके ठिकानों पर छापा मारकर 16.37 लाख रुपये नकदी जब्त की है। इसके अलावा तीन लैपटॉप, 11 मोबाइल फोन, रबर स्टांप, दस्तावेज और पैन कार्ड जब्त किए हैं। भूपेंद्र पर लोगों को 36 फीसदी सालाना रिटर्न देने का लालच देकर ठगने का आरोप है।
पुलिस महानिदेशक ने दी जानकारी
अपर पुलिस महानिदेशक, सीआईडी अपराध और रेलवे, राजकुमार पांडियन के मुताबिक यह घोटाला 6,000 करोड़ रुपये का है। मुख्य आरोपी साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर तालुका का निवासी है। सीआईडी के छापों के बाद से वह भूमिगत है। उसकी कंपनी के लिए काम करने वाले एक एजेंट को गिरफ्तार किया है। पांडियन ने बताया कि इस पोंजी घोटाले की सही राशि विस्तृत जांच के बाद सामने आएगी।
एक महीने से ज्यादा समय से डाला था सर्विलांस
सीआईडी ने इनपुट मिलने के बाद जाला को एक महीने से सर्विलांस पर डाला था। वह बीजेड फाइनेंशियल सर्विसेज के नाम से एक फर्म चलाता है। उसने उत्तरी गुजरात, गांधीनगर और वडोदरा में लोगों से पैसे जुटाए थे। पांडियन ने बताया कि जाला खुद को बीजेड ग्रुप का सीईओ बताता था और लोगों से अवैध तरीके से जमा राशि एकत्र करता था।
जानकारी के अनुसार उसके पास आरबीआई या किसी अन्य प्राधिकरण से कोई मंजूरी नहीं थी। लोगों का भरोसा जीतने के लिए उसने शुरुआत में समय पर वादे के मुताबिक रिटर्न भी दिया। उसने लोगों को लुभाने के लिए कमीशन पर एजेंट भी रखे थे।
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