Hardik Patel. गुजरात में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की मुसीबत थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अहमदाबाद में राजद्रोह के मामले में अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब टंकारा कोर्ट ने हार्दिक सहित चार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन से कांग्रेस नेता बने हार्दिक पटेल, कांग्रेस विधायक ललित वसोया, कांग्रेस विधायक ललित कगथरा व अन्य पाटीदार नेताओं ने मोरबी जिले के टंकारा कस्बे में अप्रैल, 2017 में पुलिस की मंजूरी के बिना एक सभा का आयोजन किया था। इनके खिलाफ स्थानीय अदालत में गुजरात पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत मुकदमा चल रहा था। पुलिस ने हार्दिक पटेल समेत 34 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इनमें से एक आरोपित की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को विधायक ललित कगथरा तथा अन्य आरोपित अदालत में हाजिर हुए, लेकिन हार्दिक पटेल, कांग्रेस विधायक ललित वसोया, पाटीदार नेता अमित ठुमर, पाटीदार नेता मनोज कालरिया अदालत में पेश नहीं हो सके।
न्यायिक मजिस्टेट एसएन पुंजानी ने पेशी पर गैरहाजिर रहने के लिए चारों के खिलाफ गैरजमानतीय वारंट जारी किया है। इससे पहले अहमदाबाद सेशन कोर्ट से भी हार्दिक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के चलते गत दिनों उन्हें गांव वीरमगाम से गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार को अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट ने राजद्रोह के मामले में हार्दिक की अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया। अब टंकारा कोर्ट से वारंट जारी होने के चलते हार्दिक को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। हार्दिक पर इस तरह के दर्जनों मुकदमे चल रहे हैं।
इसलिए हुई थी हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी
अहमदाबाद राजद्रोह के मामले में अदालत में हाजिर नहीं होने के चलते सत्र न्यायालय की ओर से गैरजमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को गिरफ्तार कर लिया था। आरक्षण आंदोलन से चर्चित होने के बाद कांग्रेस में शामिल होने वाले हार्दिक एक बार फिर कानून के चंगुल में फंस गए हैं। अहमदाबाद में राजद्रोह के तहत दर्ज मुकदमे की पेशी पर हाजिर नहीं होने के चलते सत्र न्यायालय ने उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था।
इसी के आधार पर पुलिस ने उन्हें पैतृक गांव विरमगाम से गिरफ्तार कर लिया। हार्दिक के खिलाफ अहमदाबाद और सूरत में राजद्रोह के दो मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा भी आरक्षण आंदोलन के दौरान आगजनी व तोड़फोड़ के कई मामले उन पर चल रहे हैं। विसनगर में भाजपा विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ व आगजनी के मामले में उनको सजा सुनाई जा चुकी है।