गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते और तटरक्षक बल ने 1,800 करोड़ रुपये कीमत की 300 किलोग्राम नशीली दवाएं जब्त की हैं। इसे तस्करों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा पार करने से पहले अरब सागर में फेंक दिया था। आशंका जताई जा रही है कि नशीली दवाएं मेथमफेटामाइन हो सकती है।
भारतीय तटरक्षक बल को शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात बड़ी सफलता हाथ लगी। इस दौरान 1800 करोड़ रुपये की कीमत के 300 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किए गए। दरअसल, आईसीजी ने 12-13 अप्रैल की रात को गुजरात एटीएस के साथ संयुक्त अभियान चलाया। इस दौरान आईसीजी और एटीएस की टीम ने गुजरात तट के पास अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा से 1800 करोड़ रुपये मूल्य के 300 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किए। तटरक्षक बल के जहाज को देखते ही तस्करों ने प्रतिबंधित मादक पदार्थ को समुद्र में ही फेंक दिया और अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के पार भाग गए। समुद्र से मादक पदार्थ बरामद किया गया और आगे की जांच के लिए ATS को सौंप दिया गया। यह मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ मजबूत अंतर-एजेंसी तालमेल का की एक बेहतरीन उदाहरण है।
पहले पूरे मामले को समझते हैं…
दरअसल, गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते और तटरक्षक बल ने 1,800 करोड़ रुपये मूल्य की 300 किलोग्राम नशीली दवाएं जब्त कीं। इसे तस्करों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा पार करने से पहले अरब सागर में फेंक दिया था। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया कि जब्त की गई प्रतिबंधित सामग्री मेथमफेटामाइन हो सकती है। इसे आगे की जांच के लिए एटीएस को सौंप दिया गया है।
कैसे लगी भनक?
गुजरात एटीएस से मिली सूचना के आधार पर तटरक्षक क्षेत्र (पश्चिम) से एक आईसीजी जहाज को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के पास समुद्र में उस क्षेत्र की ओर मोड़ दिया गया, जहां एक संदिग्ध नाव की मौजूदगी का पता चला। आईसीजी जहाज ने रात के अंधेरे के बावजूद एक संदिग्ध नाव की पहचान की। जहाज के आने का पता लगते ही संदिग्ध नाव ने आईएमबीएल की ओर भागने से पहले अपने मादक पदार्थों की खेप को समुद्र में फेंक दिया। सतर्क आईसीजी जहाज ने संदिग्ध नाव का पीछा करते हुए फेंकी गई खेप को बरामद करने के लिए तुरंत अपनी समुद्री नाव को तैनात किया। जब्त मादक पदार्थों को आगे की जांच के लिए आईसीजी जहाज से पोरबंदर लाया गया।