महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत को दलाल करार देते हुए कहा कि वह ही उद्धव ठाकरे के सबसे बड़े राजनीतिक दुश्मन हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राउत शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी से भगा रहे हैं और पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
महाराष्ट्र के वरिष्ठ भाजपा मंत्री गिरीश महाजन ने मंगलवार को शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत पर तीखा हमला बोला। महाजन ने कहा कि राउत के रहते उद्धव ठाकरे को राजनीतिक दुश्मन की जरूरत नहीं है। उन्होंने राउत को दलाल करार देते हुए कहा कि ऐसे लोग पार्टी संगठन को नुकसान पहुंचा रहे हैं
यह विवाद संजय राउत के महाजन पर तीखे हमले से उपजा है, जिसमें राउत ने कहा था कि जब भाजपा सत्ता खो देगी तो महाजन पार्टी छोड़ने वाले पहले नेता होंगे। राउत पर पलटवार करते हुए फडणवीस कैबिनेट में जल संसाधन विभाग संभाल रहे महाजन ने संवाददाताओं से कहा, ‘उद्धव ठाकरे को अपनी पार्टी को नष्ट करने के लिए किसी राजनीतिक दुश्मन की जरूरत नहीं है, क्योंकि संजय राउत इस काम के लिए काफी हैं।’
ठाकरे ने राउत पर लगाम नहीं लगाई तो शिवसेना (यूबीटी) टूट जाएगी
उत्तर महाराष्ट्र से भाजपा विधायक महाजन ने राउत को दलाल करार देते हुए कहा कि उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) से नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं को भगा दिया है। महाजन ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद जब भाजपा और शिवसेना अलग हुए तो राउत ने ठाकरे को शरद पवार और कांग्रेस के करीब धकेल दिया, जिससे उन्होंने अपनी ही पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि अगर ठाकरे राउत पर लगाम लगाने में विफल रहे, तो शिवसेना (यूबीटी) टूट जाएगी।
2022 में शिंदे के पार्टी छोड़ने से शिवसेना का हुआ विभाजन
गौरतलब है कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे और कई विधायकों ने शिवसेना छोड़ दी थी, जिसके चलते पार्टी का विभाजन हो गया। बाद में, शिंदे मुख्यमंत्री बने और चुनाव आयोग ने उन्हें शिवसेना नाम और धनुष-बाण चिह्न बरकरार रखने की अनुमति दी।
मैं राउत जैसा काम कभी नहीं करूंगा: महाजन
भाजपा नेता ने राउत की इस टिप्पणी कि महाजन संभावित रूप से पार्टी छोड़ सकते हैं, पर करारा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वह एक स्वयंसेवक और सात बार विधायक रह चुके हैं। वह पार्टी को मजबूत करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो राउत ने अपनी पार्टी के साथ किया, ऐसा वह कभी नहीं करेंगे। मैं भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हूं। मैं बीस साल तक विपक्ष में रहा। हालांकि मुझे पार्टी बदलने के लिए कई प्रस्ताव मिले, लेकिन मैंने कभी अपनी पार्टी नहीं छोड़ी।