उत्तर प्रदेश सरकार को सहमने पर मजबूर करने वाली लखनऊ में पुलिस की गोली से एपल आइफोन के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की मौत की गवाह ने पुलिस की सारी थ्योरी को पलट दिया है। विवेक तिवारी की सहकर्मी सना खान ने बताया कि पुलिस कह रही है कि कार रुकी थी, लेकिन हमारी कार जरा भी नहीं रुकी थी। वह तो चल रही थी। सना खान ने बताया कि कार चल रही थी और दोनों सिपाही इसको रोकने के प्रयास में लगे थे।
सना खान ने कहा कि वह तो विवेक सर के साथ अपने घर आ रही थी। इसी बीच हमारी गाड़ी के सामने बाइक से दो पुलिस वाले आये। इन दोनों ने गाड़ी को रोकने का इशारा किया। इसी बीच विवेक सर ने एक महिला सहकर्मी के गाड़ी में बैठा होने के कारण गाड़ी को नहीं रोका। इसी दौरान गाड़ी के पीछे बैठे सिपाही ने शीशे पर डंडा मारा। उसने इसके बाद भी गाड़ी न रोकने पर करीब दो मीटर की दूरी से गाड़ी पर फायर किया। गोली विवेक सर को भी लगी लेकिन वह गाड़ी चलाते रहे। अधिक खून बहने के कारण वह अचेत हो गए तो कार पिलर से लड़ गई। कार की गति उस समय भी तेज थी।
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