अमेरिका ने गाजा-इजरायल सीमा पर हुई हिंसा के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस बयान के मसौदे पर रोक लगा दी जिसमें इस संबंध में संयम बरतने और सीमा पर हुई झड़पों की जांच की मांग की गई थी. इन झड़पों में 16 लोगों की मौत हो गई थी. राजनयिकों ने यह जानकारी दी. शुक्रवार (30 मार्च) को गाजा के हजारों लोगों ने इजरायल की सीमा के निकट प्रदर्शन किया. कुछ प्रदर्शनकारी सशस्त्र बलों से लैस इजरायल सीमा के करीब पहुंच गए थे. उन पर इजरायली सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के छोड़े और गोलियां चलाई.
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शुक्रवार को हुए इस प्रदर्शन में 16 फलस्तीनियों की मौत हो गई और 1,400 से ज्यादा घायल हो गए. परिषद में अरब देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले कुवैत ने यह प्रस्तावित बयान सुरक्षा परिषद में पेश किया था. इसमें प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की ‘स्वंतत्र और निष्पक्ष जांच’ की मांग की गई थी.
सुरक्षा परिषद के एक राजनयिक ने एएफपी को बताया कि मसौदा तैयार करने वाली परिषद ने इजरायल सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए दोहराया कि लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार है. परिषद ने फलस्तीन के निर्दोष लोगों के मारे जाने पर भी दुख व्यक्त किया. यह मसौदा बयान शुक्रवार (30 मार्च) को परिषद में वितरित किया गया, लेकिन शनिवार (31 मार्च) को अमेरिका ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि वह इस मसौदे का समर्थन नहीं करता है. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन ने इस पर एएफपी को तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
संयुक्त राष्ट्र चाहता था गाजा हिंसा की जांच
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इजरायली सेना के साथ संघर्ष में 16 फिलिस्तीनियों के मारे जाने तथा इसमें सौ से अधिक लोगों के जख्मी होने के बाद मामले में ‘‘स्वतंत्र और पारदर्शी’’ जांच का आह्वान किया था. गाजा पट्टी में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच हिंसा बढ़ने की आशंका पर संयुक्त राष्ट्र में सुनवाई के दौरान उन्होंने यह अपील की थी.
गुतारेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने बीते 30 मार्च को बयान जारी कर कहा था, ‘‘महासचिव ने इन घटनाओं की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच की अपील की है.’’ उन्होंने कहा था कि विश्व निकाय शांति प्रयासों को फिर से शुरू करने के लिए ‘‘तैयार है.’’ हक ने कहा कि गुतारेस ने ‘‘संबंधित पक्षों से अपील की कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करें जिससे कोई हताहत हो और खासकर नागरिकों को किसी तरीके से नुकसान पहुंचे.’’
उल्लेखनीय है कि गाजा सीमा पर इजरायली सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष में 16 फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी. प्रदर्शनकारी भूमि दिवस (लैंड डे) के मौके पर प्रदर्शन कर रहे थे. स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी एफे से कहा था कि हमास द्वारा शुक्रवार (30 मार्च) को भूमि दिवस पर आहूत किए गए प्रदर्शन के दौरान करीब 2000 अन्य फिलीस्तीनी घायल हो गए. प्रदर्शनकारी फिलिस्तीनी शरणार्थियों व उनके वंशजों के अपने देश लौटने की अनुमति देने की मांग कर रहे थे.
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