गाजा में इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम की कोशिशें तेज हो गई हैं। अमेरिका ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अनुरोध किया कि वह गाजा में तीन चरण के स्थायी युद्धविराम के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रस्ताव का समर्थन करे। यूएन में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए परिषद के 14 अन्य सदस्यों को एक मसौदा प्रस्ताव भेजा।
कहा, बाइडन का उद्देश्य गाजा में आठ महीने से चल रहे युद्ध का अंत करना और सभी बंधकों की रिहाई है। इससे गाजा में पीड़ितों को राहत सामग्री भेजी जा सकेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 31 मई को समझौता प्रस्ताव जारी कर हमास से इसे बिना देरी और बिना शर्त स्वीकार करने की अपील की थी। हमास ने कहा था कि वह इसे सकारात्मक रूप से लेगा।
इस प्रस्ताव में इजरायल द्वारा प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार करने की बात शामिल नहीं है। बाइडन द्वारा घोषित समझौता प्रस्ताव में हमास द्वारा सभी बंधकों को छोड़ने के बदले स्थायी युद्धविराम का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव के बाद इजरायल सरकार में शामिल उग्रराष्ट्रवादी दलों ने धमकी दी थी कि अगर नेतन्याहू ने बाइडन के प्रस्ताव को स्वीकार किया तो वह सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे।
वहीं, नेतन्याहू ने संसद की विदेश एवं रक्षा मामलों की समिति के समक्ष समझौता प्रस्ताव को लेकर बात की लेकिन विस्तार से नहीं बताया। इस बीच, इजरायल ने हमास के कब्जे में चार और बंधकों की मौत की घोषणा की है। माना जा रहा है कि हमास के कब्जे में अब 80 जीवित बंधक और 43 मृतकों के अवशेष हैं।
हमास का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को अमेरिका समर्थित समझौते पर बातचीत के लिए मिस्त्र की राजधानी काहिरा पहुंच गया है। इजरायल पहले चरण में बंधकों की रिहाई के बदले फलस्तीनी कैदियों को छोड़ने को राजी है। पिछले साल सात अक्टूबर से शुरू गाजा युद्ध में अबतक 36,550 फलस्तीनियों की मौत हुई है। जबकि पिछले वर्ष सात अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर हमले में 1200 से अधिक इजरायली नागरिकों की मौत हुई थी।
इसके अलावा, हमास ने करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया था।-जी-7 के देशों ने भी बाइडन के प्रस्ताव का किया समर्थनजी-7 के देशों के नेताओं ने आठ माह से चल रहे इजरायल-हमास युद्ध को खत्म करने के लिए बाइडन के व्यापक समझौता प्रस्ताव को स्वीकार करने की अपील की। जी-7 नेताओं द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि वह बाइडन के गाजा समझौता प्रस्ताव के समर्थन में खड़े हैं। उन्होंने कहा कि हम उन देशों से भी अपील कर रहे हैं कि जो देश हमास पर प्रभाव रखते हैं वे उस पर दबाव डाल कर समझौते के लिए राजी करें।