हरियाली सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है। इस वजह से लोग अपने घर में तरह-तरह के पेड़-पौधे लगाते हैं। और वैसे देखा जाए तो यह सही भी है। क्योंकि जहां हरियाली होती है, वहां पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता हैं और घर की साज-सज्जा भी अच्छी लगती है। लेकिन इन सब के पीछे क्या कभी आपने इस बात पर गौर किया है कि घर में लगाये गये पेड़-पौधे आपके जीवन में किसी न किसी प्रकार से नकारात्मक ऊर्जा का भी संचार कर रहे हैं। जी हां दरअसल कुछ पेड़-पौधे ऐसे होते हैं जिन्हे अगर गलत दिशा में रख दिया जाता है या लगा दिया जाता है, तो इससे उस घर के सदस्यों पर बुरा असर पड़ता है। तो चलिए जानते हैं पेड़-पौधों की सही दिशा कौन सी होती है?
विशाल एवं बहुत फैले हुए वृक्ष जैसे बरगद, पीपल तथा ऊंचे व लंबे जैसे नारियल, आम आदि पूर्व, उत्तर एवं उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं लगाना चाहिए। यह प्रात: कालीन सूर्य की स्वास्थ्यवर्धक किरणों को घर में प्रवेश करने देने में बाधक होते हैं। बड़े अथवा ऊंचे वृक्ष दक्षिण तथा पश्चिम दिशा में लगाए जाने पर लाभप्रद होते हैं। ये अपरान्ह की सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को घर में प्रवेश करने से रोकते हैं।
आवास के उत्तर-पूर्व अर्थात ईशान कोण में अमरूद, शरीफा, बादाम, केला या नारियल के वृक्षों को लगाने से व्यवसाय में हानि तथा असाध्य बीमारियों के होने के संकेत मिलते हैं। आवास परिसर में सहजन के वृक्ष को लगाने से स्त्री संबंधी व्याधियों एवं परेशानियों को अधिक झेलना पड़ता है।
घर की उत्तर दिशा में रबर प्लांट, सहजन, पपीता, बादाम आदि के वृक्षों को लगाने से बुद्धि भ्रष्ट एवं अर्थनाश की संभावना रहती है। उत्तर दिशा की ओर अमरूद, पाकड़, अमलताश आदि के पेड़ लगाने लाभप्रद होते हैं।
उत्तर-पश्चिम दिशा अर्थात वायव्य कोण में नीम, नीलगिरी के वृक्षों की छाया प्रगति में बाधक तथा अकारण शत्रुता उत्पन्न करने वाले हुआ करते हैं।
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