कोरोना महामारी के कारण अगले महीने राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में कई बदलाव किए जा सकते हैं। परेड में हिस्सा लेने वाली टुकड़ियों के आकार को घटाया जाएगा, परेड की दूरी कम की जाएगी और पूर्व के वर्षों की तुलना में कम लोगों की मौजूदगी रहेगी।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन होंगे गणतंत्र दिवस परेड पर मुख्य अतिथि
हर साल राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में देश अपनी सैन्य शक्ति, समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक-आíथक उन्नति की झांकी पेश करता है। भारत ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को आमंत्रित किया है।
कोविड-19 के दिशानिर्देशों को लेकर समारोह की हो रही हैं तैयारियां
एक अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए समारोह के लिए तैयारियां की जा रही हैं। सूत्रों ने बताया कि करीब 25,000 लोगों को समारोह देखने की अनुमति दी जाएगी और 15 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। आम तौर पर गणतंत्र दिवस के दौरान करीब एक लाख लोग परेड देखने आते हैं।
परेड में हिस्सा लेने वाली टुकड़ियों के आकार में होगी कटौती
परेड में हिस्सा लेने वाली टुकड़ियों के आकार में कटौती की जाएगी। अमूमन एक टुकड़ी में 144 कर्मी रहते हैं, लेकिन इस बार 96 सदस्यों की टुकड़ी की ही अनुमति होगी। परेड की दूरी भी कम की जाएगी। यह विजय चौक से शुरू होगी और लाल किला तक जाने के बजाए नेशनल स्टेडियम तक ही जाएगी।
150 जवान कोरोना संक्रमण की चपेट में
गणतंत्र दिवस (Republic Day) और आर्मी डे परेड (Army Day parade) में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आए सेना के लगभग 150 जवान बीते कुछ हफ्तों में कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोरोना के लिए अनिवार्य परीक्षण के दौरान इन जवानों में संक्रमण का पता चला। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, गणतंत्र दिवस और सेना दिवस परेड में भाग लेने वाले सभी जवानों के लिए एक प्रोटोकॉल जारी किया गया है जिसके कोरोना जांच कराई जानी जरूरी है।
जवानों को रखा गया है सेफ बबल में
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गणतंत्र दिवस और सेना दिवस परेड में भाग लेने के लिए 2,000 सेना के जवान बीते नवंबर में दिल्ली पहुंचे थे। सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए इन सभी की कोरोना जांच कराई गई थी। जिन जवानों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है उन्हें सेफ बबल में रखा जा रहा है। यह सेफ बबल जवानों को समायोजित करने के लिए बनाई गई है जो गणतंत्र दिवस के मौके पर मार्चिंग टुकड़ियों का हिस्सा होंगे। सेफ बबल में बड़ी संख्या में कैंप हैं जिनमें जवानों को रखा गया है।