गंगा घाटों की सफाई का जिम्मा संभाले कंपनी की शिकायत पर शासन ने भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा के खिलाफ जांच बिठाई है। कंपनी के महाप्रबंधक ने 20 दिसंबर को प्रमुख सचिव नगर विकास को पत्र भेज कर काम न करने देने और दुष्कर्म के मामले में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया था। डीएम ने एसडीएम को वास्तविकता जानने के लिए बिठूर भेजा।
सफाई कार्य करा रही कंपनी विशाल प्रोटेक्शन फोर्स के महाप्रबंधक ने प्रमुख सचिव नगर विकास को पत्र भेज कर आरोप लगाया था कि विधायक अभिजीत सिंह सांगा व उनकी मां एवं बिठूर नगर पंचायत अध्यक्ष डॉ. निर्मला सिंह सफाई के काम में अड़ंगा डाल रहे हैं। यह लोग अपने आदमी रखने और अपनी शर्तों के अनुरूप काम कराने का दबाव बना रहे हैं, जो नियमों के विपरीत है। कंपनी के मैनेजर व सुपरवाइजर को धमकाया कि चार दिन में काम बंद न किया तो उन्हें दुष्कर्म के फर्जी मुकदमे में फंसा दिया जाएगा। कंपनी की ओर से यह पत्र जाने के 17 दिन बाद छह जनवरी को राज्य स्वच्छ गंगा मिशन के अपर निदेशक ने डीएम को पत्र भेज कर जांच कराने का आग्रह किया। साथ ही काम सुचारु रखने के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की मांग की थी।
डीएम ने एसडीएम सदर हिमांशु गुप्ता को जांच सौंपी तो शुक्रवार को वह जांच के लिए बिठूर नगर पंचायत पहुंचे। वहां उन्होंने कंपनी के मस्टर रोल आदि चेक किए तो उसमें खामियां दिखीं। उन्हें बताया गया कि आज 13 कर्मचारी काम पर हैं, लेकिन उसमें भी दो तीन कर्मचारी पेश नहीं किए जा सके। एसडीएम ने बताया कि मामले में जांच अभी जारी है,विस्तृत जांच के बाद सही जानकारी मिलेगी।
आरोप झूठे, घोटाला छिपाने की कोशिश
विधायक विधायक बिठूर अभिजीत सिंह सांगा ने कहा कि कंपनी के महाप्रबंधक के आरोप सत्य नहीं है। सफाई में धांधली के खिलाफ आवाज न उठाते तो यह आरोप उन पर न लगते। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच हो ताकि सच सामने आ सके और घाटों की सफाई ठीक से हो। उन्होंने कहा कि ऐसे फर्जी आरोपों से डरकर कदम पीछे नहीं खींचेंगे और इस घोटाले की जांच कराकर ही मानेंगे।