विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने स्वतंत्र दल महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया के सदस्यों की सूची में पूर्व स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन का नाम भी शामिल किया है। संगठन ने विश्व से 11 लोगों को इस स्वतंत्र दल का सदस्य बनाया है। इन सदस्यों का चुनाव न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क और पूर्व लाइबेरिया राष्ट्रपति एलन जॉनसन सरलीफ ने किया है।

हालांकि प्रीति सूदन के नाम पर भारत से एक मौन प्रतिक्रिया सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने इस पोस्ट के लिए पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले के नाम की सिफारिश की थी। इस हफ्ते हुई बैठक में हेलेन क्लार्क का मानना था कि महामारी के दौरान भारतीय सरकार में सूदन का अनुभव इस काम में उनको काफी मदद देगा।
इस बैठक में भारत को आमंत्रित किया गया था ताकि वो अपने उम्मीदवार का चयन कर सके लेकिन बैठक के अध्यक्ष के पास पूरी आजादी होती है कि वो अपना उम्मीदवार खुद चुने जैसे उन्होंने प्रीति सूदन को चुना। तीन सितंबर को जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि पैनल ने 120 लोगों की समीक्षा की लेकिन उनका चयन उनके कौशल के आधार पर किया गया है।
विज्ञप्ति में कहा गया कि दल के सभी सदस्य अपनी व्यक्तिगत क्षमता में काम करेंगे, कोई भी अपनी सरकार और किसी विशेष संगठन का चेहरा बनकर काम नहीं करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विजय गोखले का नाम प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कई कारणों को देखते हुए आगे बढ़ाया गया था।
एक कारण यह था कि गोखले ने चीन में भारतीय राजदूत और विदेश सचिव के पद पर सेवा दी है। हालांकि प्रीति सूदन का कहना है कि उन्हें इस पद के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि उन्होंने इस पद के लिए आवेदन भी नहीं किया था। सूदन का आवेदन क्लार्क ने आगे बढ़ाया था।
एक अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि क्लार्क ने प्रीति सूदन के आवेदन से पहले स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से बात की थी और भारत की पसंद को वीटो करने का विस्तृत कारण बताया था। इस साल मई में हर्षवर्धन को विश्व स्वास्थ्य संगठन का चेयरमैन नियुक्त किया गया था।
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