कोरोना संकट के बीच फंसे प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला जारी है. बिहार में 7 राज्यों से करीब 28,467 प्रवासी मजदूर भेजे जा चुके हैं. इनके लिए 24 विशेष ट्रेनें चलाई गईं.
बिहार के अलग-अलग स्टेशनों के लिए आंध्र प्रदेश (1), गुजरात (8), हरियाणा (1), केरल (1), महाराष्ट्र (5), राजस्थान (3), तेलंगाना (5) से ट्रेनें चलाई गईं.
बता दें कि देश के अलग-अलग इलाकों में फंसे प्रवासी मजदूरों का अपने घर लौटना जारी है. एक आंकड़े के मुताबिक 1 मई से अब तक 140 स्पेशल ट्रेन के फेरे लग चुके हैं, जिनमें 1.35 लाख लोग यात्रा कर चुके हैं. हालांकि कर्नाटक में फंसे मजदूरों के लिए येदियुरप्पा सरकार ने ट्रेन न चलाने का निर्णय लिया है, जिसके बाद से विपक्ष हमलावर है.
इधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा था कि अन्य राज्यों से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से लौटने वाले मजदूरों को किराए की राशि प्रदेश सरकार लौटा देगी. इसके लिए उन्हें प्रशासन की ओर से बनाए गए क्वारनटीन सेंटर पर 21 दिन क्वारनटीन में रहना होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा था कि क्वारनटीन की अवधि पूरी हो जाने के बाद किराए का पैसा वापस पाने के लिए मजदूरों को टिकट दिखाना होगा. सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि क्वारनटीन की अवधि पूरी होने के बाद प्रत्येक श्रमिक को कम से कम एक-एक हजार रुपये मिलें.
आंध्र प्रदेश के कोवुरू में सोमवार को बड़ी संख्या में मजदूर सड़कों पर उतरे और अपने घर जाने की मांग को लेकर हंगामा किया था. जब सड़क पर भीड़ बेकाबू हो गई, तो पुलिस की ओर से सभी को काबू में लाने के लिए लाठीचार्ज किया गया, इस दौरान भगदड़ का माहौल रहा.