आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राओं की बल्ले-बल्ले। राज्य के सरकारी करीब आधा दर्जन विश्वविद्यालयों, 104 डिग्री कॉलेजों और 15 सहायता प्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेजों में दाखिले में उन्हें दस फीसद आरक्षण मिलेगा। सरकार ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए।
इस आदेश से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कुल मौजूदा सीटों के अतिरिक्त साढ़े चार से पांच हजार सीटों पर सामान्य वर्ग के निर्धन छात्र-छात्राओं को दाखिला मिलने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देशों के चलते राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। उच्च शिक्षा से संबंधित राज्य विश्वविद्यालयों, सरकारी और सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेजों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को दस फीसद आरक्षण देने के संबंध में उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन ने आदेश जारी किया।
इस आदेश के तहत प्रवेश के लिए निर्धारित कुल मौजूदा सीटों पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए जा रहे आरक्षण पर कोई असर नहीं पड़ेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और कार्मिक विभाग के प्रावधानों के तहत राज्य विश्वविद्यालयों, सरकारी व सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेजों में पहले वर्ष में प्रवेश के लिए प्रत्येक विषय के लिए स्वीकृत सीटों के सापेक्ष आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को दस फीसद अतिरिक्त आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई है। शासनादेश के मुताबिक गरीब छात्रों के लिए सीटों की कुल संख्या में वृद्धि की जाएगी।
इससे उन्हें मिलने वाले 10 फीसद आरक्षण के बाद कुल सीटों की संख्या पिछले शैक्षिक सत्र की तरह ही रहेंगी। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन ने उच्च शिक्षा निदेशक और विभाग से संबंधित सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को उक्त व्यवस्था लागू करने को कहा है। एक अनुमान के मुताबिक 10 फीसद आरक्षण के बाद राज्य में उक्त विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों में साढ़े चार हजार से पांच हजार तक सीटों में इजाफा होगा।